राजस्थान में MiG-21 हादसे के बाद वायुसेना ने इसके बेड़े की उड़ान पर लगाई रोक

MiG-21 फाइटर जेट वेरिएंट को भारतीय वायु सेना में पांच दशक पहले शामिल किया गया था और अब इसे चरणबद्ध तरीके से वायुसेना से बाहर किया जाना है. 

विज्ञापन
Read Time: 15 mins

MIG 21 फाइटर जेट की उड़ान पर वाुसेना ने फिलहाल लगाया प्रतिबंध

नई दिल्ली:

भारतीय वायुसेना (IAF) ने MiG-21 के पूरे बेड़े की उड़ान पर ही रोक लगा दी है. IAF ने यह फैसला बीते दिनों राजस्थान में MiG-21 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद लिया है. IAF के अनुसार इस बेड़े के विमानों पर उड़ान भरने की रोक तब तक जारी रहेगी जबतक राजस्थान में हुए हादसे के पीछे के कारणों का पता ना लग जाए.

राजस्थान में हुआ था हादसा

बता दें कि 8 मई को एक गाँव में सूरतगढ़ हवाई अड्डे से MiG-21 बाइसन विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से तीन लोगों की मौत हो गई थी. वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि MiG-21 विमान के बेड़े को तब तक के लिए ग्राउंडेड किया गया जब तक बीते दिनों हुए क्रैश मामले की जांच पूरी ना हो जाए और क्रैश किस वजह से हुआ इसका पता ना चल जाए. 

वायु सेना में पांच दशक से है ये फाइटर जेट
MiG-21 फाइटर जेट वेरिएंट को भारतीय वायु सेना में पांच दशक पहले शामिल किया गया था और अब इसे चरणबद्ध तरीके से वायुसेना से बाहर किया जाना है. उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना में केवल तीन MiG-21 स्क्वाड्रन काम कर रहे हैं और उन सभी को 2025 की शुरुआत में चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा.

Advertisement

अभी इस फाइटर जेट के 800 वेरिएंट सेवा में हैं

राजस्थान में दुर्घटनाग्रस्त हुआ फाइटर जेट एक नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर था जब यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में पायलट को मामूली चोटें आईं, जिसके बाद दुर्घटना के सही कारण का पता लगाने के लिए जांच शुरू की गई. IAF के पास 31 लड़ाकू विमान स्क्वाड्रन हैं, जिनमें से तीन मिग -21 बाइसन वेरिएंट हैं. MIG-21 को 1960 के दशक में सबसे पहली बार IAF में शामिल किया गया था और फाइटर के 800 वेरिएंट सेवा में हैं. MIG-21 के दुर्घटनाग्रस्त होने की दर हाल के दिनों में चिंता का कारण रही है. IAF उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान के साथ LCA मार्क 1A और LCA मार्क 2 सहित स्वदेशी विमानों को शामिल करने पर भी विचार कर रहा है.

Advertisement
Topics mentioned in this article