झगड़े में बंद शख्स को जमानत मिलने के बाद घर ले जाने जेल पहुंचा परिवार, व्हीलचेयर पर शव मिला

असम की जेल में एक मामूली केस में बंद शख्स की मौत हो गई. मौत की बात तब पता चली, जब उसके परिवार के लोग जमानत मिलने के बाद उसे जेल से रिहाकर घर लाने के लिए गए थे.

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डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में एक कैदी की मौत हो गई.

असम की जेल से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. झगड़े के केस में बंद एक शख्स को जेल प्रसाशन ने व्हीलचेयर पर उसके परिवार को सौंपा. मगर उसकी मौत हो चुकी थी. इसके बाद परिवार वालों ने हंगामा कर दिया. अंतत: जेल अधिकारियों ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. 

शैलजा बोरगोहेन को पारिवारिक झगड़े से जुड़े एक मामले में तीन दिन पहले डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल लाया गया था. खबरों के मुताबिक, तिंगखोंग के लेंगेरी में 2 नंबर गांधीया पुरोनी गांव के रहने वाले शख्स की जेल में रहस्यमय तरीके से मौत हो गई.

गुरुवार को उसे जमानत मिल गई और उनका परिवार उन्हें घर ले जाने जेल आया था. जेल अधिकारियों ने उसे व्हीलचेयर पर बिठा दिया था जैसे कि वह केवल बीमार था. 

इससे जेल के सामने गरमा-गरम स्थिति पैदा हो गई, परिवार ने शव लेने से इनकार कर दिया और दावा किया कि यह हिरासत में हुई मौत है. पीटीआई से मृत शख्स के एक रिश्तेदार ने कहा कि हमें व्हीलचेयर में निर्जीव शरीर सौंप दिया गया. जिस तरह से जेल अधिकारियों ने उसके साथ व्यवहार किया वह असंवेदनशील था और मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन था. जब उसे गिरफ्तार किया गया तो वह एक स्वस्थ व्यक्ति था. हम जानना चाहते हैं कि जेल में उसके साथ क्या हुआ. “ 

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डिब्रूगढ़ पुलिस थाना प्रभारी राजू बहादुर छेत्री के नेतृत्व में एक टीम आई और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले गई. परिजनों ने डिब्रूगढ़ थाने में शिकायत दर्ज करायी है. जेल अधिकारियों ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है.

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