दिल्ली स्थित थिंकटैंक सेंटर ऑफ पॉलिसी रिसर्च के बाद अब आयकर विभाग ने NGO ऑक्सफैम पर छापेमारी की है.गौरतलब है कि IT विभाग की ओर से आज सेंटर ऑफ पॉलिसी रिसर्च में भी छापेमारी की गई. इस बारे में सीपीआर और ऑक्सफैम की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. सूत्रों ने बताया कि चाणक्यपुरी में सीपीआर कार्यालय के अंदर 10 से अधिक अधिकारियों की एक टीम दोपहर से इसकी खाता बही का निरीक्षण कर रही है.ऑक्सफैम के ओखला स्थित कार्यालय में भी यह छापेमारी रातभर चलने की संभावना है. जानकारी के अनुसार, इस दौरान कर्मचारियों को भी अंदर नहीं जाने दिया गया. सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि सीपीआर पर यह कार्रवाई हरियाणा, महाराष्ट्र और गुजरात में हो रही आयकर विभाग की छापेमारी से जुड़ी है. आयकर विभाग ने कई जगहों पर '20 से अधिक पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के फंडिंग' को लेकर यह छापेमारी की है.
सेंटर ऑफ पॉलिसी रिसर्च के प्रमुख कभी भाजपा सरकार के एक प्रमुख आलोचक और शिक्षाविद प्रतापभानु मेहता भी रहे हैं. अभी CPR के गवर्निंग बोर्ड की चेयरपर्सन मीनाक्षी गोपीनाथ हैं. राजनीतिक वैज्ञानिक गोपीनाथ जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में पढ़ाया करती थीं और नई दिल्ली में लेडी श्रीराम कॉलेज की प्रिंसिपल रही हैं. इसकी प्रेसिडेंट और चीफ एग्जीक्यूटिव यामिनी अय्यर हैं. इसके बोर्ड मेंबर में पूर्व विदेश सचिव श्याम सरण और आईआईएम प्रोफेसर रामा बिजापुरकर शामिल हैं.फंडिंग के बारे में, थिंकटैंक ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि भारत सरकार द्वारा एक गैर-लाभकारी समाज के रूप में मान्यता प्राप्त होने के कारण, इसमें योगदान कर-मुक्त है. सीपीआर नींव, कॉर्पोरेट परोपकार, सरकारों और बहुपक्षीय एजेंसियों सहित विभिन्न घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्रोतों से अनुदान प्राप्त करता है, वार्षिक वित्त और अनुदान का पूरा लेखा-जोखा वेबसाइट पर उपलब्ध है.
1973 में स्थापित, यह खुद को "एक गैर-पक्षपातपूर्ण, स्वतंत्र संस्थान बताता है जो रिसर्च करता है. जो उच्च गुणवत्ता छात्रवृत्ति, बेहतर नीतियों और भारत में जीवन को प्रभावित करने वाले मुद्दों के बारे में अधिक मजबूत सार्वजनिक बात में योगदान देता है. प्रासंगिक प्रश्न पूछना इसके घोषित लक्ष्यों में से एक है.
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