दिल्ली में अफगान दूतावास जल्द हो जाएगा बंद? विदेश मंत्रालय को भेजी गई चिट्ठी

अफगान दूतावास के कामकाज बंद करने की खबरों पर भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि नई दिल्ली में अफगान दूतावास ने कथित तौर पर इस मुद्दे पर एक कम्युनिकेशन जारी किया है.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
नई दिल्ली:

भारत में अफगान दूतावास (Afghan Embassy in New Delhi)ने कथित तौर पर अपना ऑपरेशन बंद करने के लिए विदेश मंत्रालय को एक चिट्ठी लिखी है. मंत्रालय इसकी प्रामाणिकता की जांच कर रहा है. अफगान दूतावास का नेतृत्व राजदूत फरीद मामुंडज़े कर रहे थे. लेकिन वो कई महीनों से देश से बाहर हैं. सूत्रों के मुताबिक, उनके इस समय लंदन में होने की खबर है. मामुंडजे को पिछली अशरफ गनी सरकार ने नियुक्त किया था. अगस्त 2021 में तालिबान (Taliban) द्वारा अफगानिस्तान (Afghanistan) की सत्ता पर कब्जा करने के बाद भी वह अफगान दूत के रूप में काम कर रहे हैं.

अफगान दूतावास के कामकाज बंद करने की खबरों पर भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि नई दिल्ली में अफगान दूतावास ने कथित तौर पर इस मुद्दे पर एक कम्युनिकेशन जारी किया है. उच्च पदस्थ सूत्रों में एक ने कहा, "इस कम्युनिकेशन की प्रामाणिकता और इसके कंटेंट की जांच की जा रही है."

सूत्र ने कहा, "यह कम्युनिकेशन पिछले कई महीनों से अफगान राजदूत के भारत से बाहर रहने, कथित तौर पर दूसरे देश में शरण लेने, अफगान राजनयिकों के लगातार तीसरे देशों में जाने और दूतावास के स्टाफ के बीच अंदरूनी कलह की खबरों के बारे में है."

सूत्रों के हवाले से पता चला है कि अफगान दूतावास ने अगले कुछ दिनों में ऑपरेशन बंद करने के लिए विदेश मंत्रालय को एक चिट्ठी भेजी है. इस मामले पर दूतावास की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

Advertisement

इस साल अप्रैल-मई में तालिबान ने ममुंडज़े की जगह मिशन का नेतृत्व करने के लिए चार्ज डी'एफ़ेयर की नियुक्ति की थी. हालांकि, दूतावास ने इसे मानने से इनकार कर दिया था. दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा कि उसके नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

Advertisement
अफगान दूतावास में सत्ता के लिए संघर्ष तब शुरू हुआ, जब 2020 से दूतावास में व्यापार पार्षद के रूप में काम कर रहे कादिर शाह ने विदेश मंत्रालय को एक चिट्ठी लिखी. इसमें उन्होंने दावा किया कि उन्हें तालिबान द्वारा दूतावास में प्रभारी डी'एफ़ेयर के रूप में नियुक्त किया गया था.

भारत ने अभी तक तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है. भारत काबुल में वास्तव में समावेशी सरकार के गठन की वकालत कर रहा है. भारत इस बात पर जोर दे रहा है कि अफगानी धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

Advertisement


ये भी पढ़ें:-

अफगानिस्तान की ज़मीन का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए नहीं होना चाहिए : संयुक्त राष्ट्र में भारत

अफगान दूतावास को तालिबान के हाथ सौंप देगा ईरान, जानें क्यों लिया ये फैसला?

Topics mentioned in this article