कला हमारे देश में समावेशिता को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा जरिया: यास्मीन सिंह की बुक लॉन्च के मौके पर डॉ. प्रीति अदाणी

डॉ. प्रीति अदाणी ने किताबों के विमोचन के मौके पर कहा कि सामाजिक विकास के क्षेत्र में 3 दशकों से ज्यादा समय बिताने के बाद ये उनका विश्वास है कि कला और संस्कृति के प्रभाव को कम नहीं आंका जा सकता.

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बाएं डॉ. प्रीति अदाणी और दाएं डॉ. यास्मीन सिंह...
दिल्ली:

विस्मृति के गर्त में जा रही कथक की रायगढ़ घराना परंपरा को दोबारा पहचान दिलाने के मकसद से नृत्यांगना यास्मीन सिंह ने दो किताबें लिखीं, जिसके विमोचन में अदाणी फाउंडेशन की चेयरपर्सन और अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी की पत्नी डॉ. प्रीति अदाणी भी शामिल हुईं. कथक रचनाओं का सौंदर्य बोध' और 'राजा चक्रधर सिंह' (कथक नृत्य प्रणेता एवं संरक्षक) नाम की किताबों के विमोचन के मौके पर उन्होंने कला और संस्कृति के महत्व पर खुलकर बात की.

ज्ञान की खोज और कला का अभ्यास अलग-अलग कोशिश नहीं है. ये आपस में जुड़े हुए हैं. सामाजिक विकास के क्षेत्र में 3 दशकों से ज्यादा समय बिताने के बाद ये मेरा विश्वास है कि कला और संस्कृति के प्रभाव को कम नहीं आंका जा सकता.  एक लचीला और समावेशी समुदाय बनाने के लिए रचनात्मकता को बढ़ावा देना और सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों का समर्थन करना जरूरी है.

प्रीति अदाणी

चेयरपर्सन, अदाणी फाउंडेशन

इस मौके पर प्रीति अदाणी ने कहा कि कला, पंथ और रंग की मुश्किलों को पार करती है. कला हमारे देश में समावेशिता को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा जरिया है. हमें इसे पुनर्जीवित करने और बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए, चाहे वह डांस, म्यूजिक, लिटरेचर और विजुअल आर्ट के माध्यम से ही क्यों न हो. हम अपनी खुशी, संघर्ष और आकांक्षाओं को अभिव्यक्त करने के लिए लगातार नए-नए तरीके खोजते रहते हैं. यह गर्व की बात है कि अदाणी परिवार का एक सदस्य इस क्षेत्र में अपना योगदान दे रहा है.'

यास्मीन सिंह की किताबों का विमोचन

कथक डांसर और राइटर यास्मीन सिंह ने इस खास मौके पर कहा कि उनकी किताबें राजा चक्रधर सिंह के योगदान को रेखांकित करती हैं. मध्य भारत में रायगढ़ की रियासत के चक्रधर सिंह ने संगीत के संरक्षण और संवर्धन के लिए अपना जीवन लगा दिया था. वह संगीत के प्रेमी थे और खुद बहुत अच्छे नर्तक, तबला वादक, पखावज वादक और साहित्यकार थे. उन्हीं की सभी रचनाओं और उनके जीवनकाल के बारे में इन किताबों में लिखा है."

यास्मीन सिंह आगे बोलीं कि कथक की रायगढ़ परंपरा को नई पहचान दिलाने के लिए स्कूल-कॉलेज में इसके बारे में बताया जाना चाहिए, इस पर पुरस्कार दिए जा सकते हैं. वर्कशॉप और सेमिनार आयोजित किए जा सकते हैं. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत की मौजूदगी को सकारात्मक संकेत बताते हुए उन्होंने कहा, "जब राजनीतिक इच्छा शक्ति आती है तो अपने-आप नीतियां बनने लगती हैं. कला का संरक्षण हमेशा से राजाओं ने ही किया. उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ये चीजें जल्द ही सभी लोगों तक पहुंचेगी."

यास्मीन सिंह, लेखिका

यास्मीन सिंह की किताबों के बारे में

डॉ. यास्मीन सिंह की किताबों 'कथक रचनाओं का सौंदर्य बोध' और 'राजा चक्रधर सिंह' (कथक नृत्य प्रणेता एवं संरक्षक)  का दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में  केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने विमोचन किया. इस मौके पर बीजेपी नेता डॉ. रमन सिंह भी मौजूद रहे. उनकी पहली किताब में नृत्य कला में सौंदर्य के महत्व, भाव और रस की अहमियत को अभिव्यक्त किया गया है. तो वहीं दूसरी किताब में कथक नृत्य के क्षेत्र में रायगढ़ घराने और उसके संस्थापक राजा चक्रधर सिंह के योगदान और उसके संरक्षण की सार्थक कोशिशों को गहराई से रेखांकित किया गया है. 
 

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