सूरत महानगरपालिका में आम आदमी पार्टी (AAP) की ओर से हुए अच्छे प्रदर्शन के बाद शुक्रवार के दिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने सूरत में रोड शो कर जनता को धन्यवाद कहा और साथ ही बीजेपी, कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. सूरत महानगरपालिका में 'आप' के अच्छे प्रदर्शन के चलते विरोधी पार्टी बनने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों को धन्यवाद दने और शक्ति प्रदर्शन के लिए रोड शो किया.. गुजरात में पहली बार महानगर पालिका का चुनाव लड़ते हुए सूरत महानगर पालिका के चुनाव में 'आप' ने 120 में से 27 सीटें अपने नाम कीं. इस मौके पर केजरीवाल ने कहा, 'गुजरात के लोग संदेश देना चाहते है कि वो दोनों पार्टियों से तंग आ चुकी है और दोनों को खत्म करना चाहते हैं. एक पार्टी तुष्टिकरण की राजनीति करती है, दूसरी नफरत की राजनीति करती है. जनता को राजनीति नहीं, स्कूल, विकास और नौकरी चाहिए. बीजेपी ने गुजरात में हुए सभी 6 महानगरपालिका चुनावों में बहुमत हासिल किया है. पार्टी ने 576 सीटों में से 483 सीट अपने नाम किया है. सूरत में 120 सीटों में से 93 बीजेपी के पास हैं और बाकी आम आदमी पार्टी के पास.
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पिछले चुनाव में 36 सीट जीतने वाली कांग्रेस इस चुनाव में सूरत में अपना खाता भी नहीं खोल पाई, जिसके बाद अब आम आदमी पार्टी सूरत महानगरपालिका में विरोधी पार्टी बन चुकी है. केजरीवाल ने इस मौके पर कहा, 'आपने बीजेपी को 25 साल दिए हैं, हमें 5 साल दीजिए. हम उनसे बेहतर प्रदर्शन कर दिखाएंगे.' 'आप' को सूरत में मिले जीत की एक बड़ी वजह पाटीदार समाज को माना जा रहा है जो बीजेपी से नाराज़ है. पिछले चुनाव में जहां पाटीदारों का वोट कांग्रेस को मिला था और राज्य में कांग्रेस का नेतृत्व भी इसी समाज से आने वाले हार्दिक पटेल कर रहे हैं, वहीं पार्टी प्रवक्ता मानते हैं कि कांग्रेस के नेताओं के बीच चल रहे अंदरूनी लड़ाई का असर इस चुनाव में देखने मिला
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. कांग्रेस प्रवक्ता संजय पटवा खराब प्रदर्शन का कारण बताते कहते हैं, 'कई नेताओं के बीच अंदरूनी झगड़े चल रहे हैं. ऐन मौके पर कई बदलाव किए गए. साथ ही कोई राज्य या केंद्र का बड़ा नेता यहां प्रचार करने नहीं पहुँचा. सूरत महानगर पालिका चुनाव में विरोधी दल बनने के बाद 'आप' अब अपने को गुजरात में एक तीसरे विकल्प के तौर पर पेश करने की कोशिश करती नज़र आ रही है. इसलिए इतने बड़े पैमाने में रोड शो का आयोजन पार्टी की ओर से किया गया.लेकिन क्या वाकई पार्टी एक नए विकल्प के तौर पर राज्य में उभरेगी, यह तो वक्त ही बताएगा.