पुरानी गाड़ियों को सड़कों से हटाने का आदेश बड़े भ्रष्टाचार की तरफ इशारा, गहन जांच हो- सौरभ भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी बहानेबाजी कर रही है कि यह कोर्ट का आदेश था, इसलिए पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है. लेकिन सच तो यह है कि पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल ने पहली बार 10 साल पहले 7 अप्रैल 2015 को आदेश जारी किया था. इसी तरह, 10 साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल 2015 को आदेश दिया.

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नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी के झूठ का पर्दाफाश करते हुए कहा कि दिल्ली में सरकार बनते ही बीजेपी ने पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला ले लिया था. फरवरी में बीजेपी सरकार ने शपथ ली और चंद दिन बाद 01 जुलाई को पर्यावरण मंत्री मनजिंद सिंह सिरसा ने एलान किया कि 31 मार्च के बाद पुरानी गाड़ियों को तेल नहीं मिलेगा. हालांकि, इसे लागू एक जुलाई से किया गया. आज बीजेपी जिस सीएक्यूएम के आदेश का सहारा ले रही है, वह आदेश तो मंत्री के एलान के काफी दिनों बाद 27 अप्रैल को आया था. इससे स्पष्ट है कि बीजेपी ने पहले ही ऑटोमोबाइल कंपनियों से सांठगांठ कर ली थी और उनको करोड़ों रुपए का फायदा पहुंचाने के लिए यह फरमान जारी किया, ताकि दिल्ली के 61 लाख लोग नई गाड़ी खरीदने के लिए मजबूर हो जाएं.

आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने दिल्लीवालों को बधाई देते हुए कहा कि दिल्ली की जनता ने अपनी एकजुटता के जरिए बीजेपी सरकार के फरमानों को वापस लेने के लिए मजबूर किया है. जब पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन देने पर रोक लगाने की बात कही जा रही थी, तब बीजेपी सरकार के मंत्री उछल-उछल कर कह रहे थे कि किसी पुराने वाहन को छोड़ा नहीं जाएगा. पेट्रोल पंपों पर पुरानी गाड़ियों को जब्त करने के लिए 400 टीमें लगाई जाएंगीं और बीजेपी पूरी तरह चुप थी.

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी बहानेबाजी कर रही है कि यह कोर्ट का आदेश था, इसलिए पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है. लेकिन सच तो यह है कि पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल ने पहली बार 10 साल पहले 7 अप्रैल 2015 को आदेश जारी किया था. इसी तरह, 10 साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल 2015 को आदेश दिया.

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इससे साफ है कि बीजेपी ने सरकार बनने के तुरंत बाद ही तय कर लिया था कि दिल्ली की सड़कों से 61 लाख पुरानी गाड़ियों को सड़क से हटाकर लोगों को नई गाड़ियां खरीदने के लिए मजबूर करना है. सीएक्यूएम केंद्र सरकार के अधीन काम करता है. बीजेपी की दिल्ली सरकार द्वारा 23 अप्रैल 2025 को सीएक्यूएम से मिलीभगत कर पुरानी गाड़ियों को डीजल-पेट्रोल नहीं देने को लेकर पत्र लिया गया और सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया.

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