AAP से 2 सीट कम होने के बावजूद BJP कैंडिडेट बन गई मेयर, जानें- चंडीगढ़ में कैसे हुआ खेल?

मेयर चुनाव में स्थानीय सांसद को भी वोट डालने का अधिकार होता है. इसलिए कुल 36 उपलब्ध वोटों में से 28 ने ही वोट किए थे क्योंकि कांग्रेस के सात और अकाली के एक पार्षद ने चुनाव से खुद को अलग कर लिया था.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
आम आदमी पार्टी ने चंडीगढ़ मेयर के चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है.
चंडीगढ़:

बीजेपी (BJP) नेता और पार्षद सरबजीत कौर (Sarabjit Kaur) को चंडीगढ़ का मेयर (Chandigarh Mayor)  घोषित किए जाने पर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party-AAP) ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है और इसे "लोकतंत्र की चौंकाने वाली मौत" कहा है. सरबजीत कौर ने आप की अंजू कात्याल को एक वोट से हराया था. सरबजीत कौर और अंजू कात्याल दोनों को 28 में से 14 वोट मिले थे, लेकिन अंजू कात्याल के पक्ष में मिले एक वोट को अमान्य करार देने के बाद बीजेपी की सरबजीत कौर को विजेता घोषित कर दिया गया.

आप ने शनिवार को ट्वीट किया, "लोकतंत्र की चौंकाने वाली मौत. आप के अधिक सीटें जीतने के बावजूद जिला कलेक्टर ने अवैध रूप से बीजेपी का मेयर चुना. आप के वरिष्ठ नेता उनके कार्यालय के बाहर उनका इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने मिलने से इनकार कर दिया है."

पंजाब के आप विधायक जरनैल सिंह ने भी 'लोकतंत्र की हत्या' की कोशिश कहकर निशाना साधा है. समाचार एजेंसी एएनआई ने सिंह को कोट किया है, जिसमें उन्होंने कहा, "बीजेपी की सीटें कम थी, इसलिए कांग्रेस पार्षद सीधे बीजेपी में शामिल करा लिए गए. उसके बाद भी, बीजेपी के पास जरूरी वोट कम पड़ गए तब उसने नौकरशाही से मदद ली. यह सही वोटों को गलत तरीके से प्रस्तुत करके लोकतंत्र की हत्या का प्रयास है."

BJP की सरबजीत कौर बनीं चंडीगढ़ की महापौर, ‘AAP' की उम्मीदवार को एक मत से हराया

सिंह ने दावा किया कि महापौर चुनाव परिणाम इस बात के सबूत हैं कि "भाजपा और कांग्रेस के बीच एक गुप्त समझ" है, ताकि आप को हराया जा सके. पिछले हफ्ते घोषित चंडीगढ़ निकाय चुनाव परिणामों में आम आदमी पार्टी ने 35 में से 14 वार्डों में शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की थी लेकिन सदन त्रिशंकु हो गया था. बीजेपी ने 12, कांग्रेस ने 8 और अकाली दल ने एक सीट पर जीत हासिल की थी.

मेयर चुनाव में स्थानीय सांसद को भी वोट डालने का अधिकार होता है. इसलिए कुल 36 उपलब्ध वोटों में से 28 ने ही वोट किए थे क्योंकि कांग्रेस के सात और अकाली के एक पार्षद ने चुनाव से खुद को अलग कर लिया था. कांग्रेस की पार्षद हरप्रीत कौर बाबला ने भी बीजेपी उम्मीदवार को वोट दिया क्योंकि उसके पति 2 जनवरी को ही बीजेपी में शामिल हो चुके थे. 

Advertisement

हर बार चुनाव से पहले कुछ लोग पंजाब का माहौल बिगाड़ने की कोशिश करते हैं: राघव चड्ढा

इस तरह बीजेपी को स्थानीय बीजेपी सांसद किरण खेर और कांग्रेस पार्षद को वोट मिलाकर कुल 14 वोट मिले. आप को भी इतने ही 14 वोट मिले थे लेकिन बाद में एक वोट को निरस्त कर दिया गया और बीजेपी उम्मीदवार की जीत हो गई. बीजेपी डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर सीट भी जीतने में कामयाब रही. इन दोनों पदों के चुनाव में भी कांग्रेस और अकाली दल ने हिस्सा नहीं लिया.
 

वीडियो: 'पंजाब का चुनाव केजरीवाल वर्सेज ऑल हो गया है': राजनीतिक दलों पर बरसे राघव चड्ढा

Featured Video Of The Day
Maha Kumbh 2025 में Security और Disaster Management पर CM Yogi का ऐलान