पुणे में ‘हसिया’ खरीदने के लिए आधार कार्ड दिखाना क्यों है जरूरी? जानें पूरा मामला

पिछले कुछ महीनों में तथाकथित ‘कोयता गिरोह’ के सदस्यों द्वारा हसिया दिखाकर लोगों को डराने-धमकाने की कई घटनाएं सामने आई हैं. इनमें से अधिकतर घटनाएं पुणे शहर के बाहरी इलाकों में हुई हैं.

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प्रतीकात्मक फोटो.
पुणे:

महाराष्ट्र के पुणे में हाल के दिनों में असामाजिक तत्वों के लोगों को डराने और उन पर हमला करने के लिए ‘कोयता' (हसिया) का ज्यादातर इस्तेमाल हो रहा है. ऐसे में पुलिस ने कृषि कार्यों के लिए उपयोग होने वाले हसिया की खरीद के लिए खरीदार का 'आधार कार्ड' (Aadhaar Card) विवरण अनिवार्य रूप से दर्ज करने का निर्देश दिया है.

पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि पिछले कुछ महीनों में तथाकथित ‘कोयता गिरोह' के सदस्यों द्वारा हसिया दिखाकर लोगों को डराने-धमकाने की कई घटनाएं सामने आई हैं. इनमें से अधिकतर घटनाएं पुणे शहर के बाहरी इलाकों में हुई हैं.

पुलिस उपायुक्त (अपराध) अमोल जेंडे ने कहा, ‘‘हमने जोन के सभी पुलिस उपायुक्तों से अपने क्षेत्रों में कृषि उपकरणों के खुदरा विक्रेताओं को निर्देश देने के लिए कहा है कि वे कोयता के खरीदार के पहचान संबंधी रिकॉर्ड रखना सुनिश्चित करें.''

उन्होंने कहा कि विक्रेताओं को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि वे किशोरों को कोयता नहीं बेचें. अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने कई असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई की है, जो लोगों को आतंकित करने के लिए हसिया का इस्तेमाल करते पाए गए थे.
 

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