विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) ने सोमवार को कहा कि पुणे के एक स्टार्ट-अप ने थ्रीडी प्रिंटिंग और दवाओं के सम्मिश्रण से एक ऐसा मास्क तैयार किया है जो अपने संपर्क में आने वाले विषाणुओं को निष्क्रिय कर देता है. थिंक्र टेक्नॉलोजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित इन मास्कों पर विषाणु रोधक एजेंट का लेप होता है. वैसे ये एजेंट विषाणुनाशक कहलाते हैं. डीएसटी ने बताया कि परीक्षण करके दर्शाया गया कि यह लेप सार्स-कोव-2 को निष्क्रिय कर देता है. विभाग के अनुसार लेप में उपयोग लायी गयी सामग्री सोडियम ओलेफिन सल्फोनेट आधारित मिश्रण है, यह साबुन संबंधी एजेंट है.
विभाग ने बताया कि जब वायरस लेप के संपर्क में आता है तो उसकी बाहरी झिल्ली नष्ट हो जाती है. लेप की सामग्री सामान्य तापमान पर स्थिर होती है और उसका सौंदर्य प्रसाधनों में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है. डीएसटी ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ जंग के तहत विषाणुनाशक मास्क पहल प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड द्वारा वाणिज्यीकरण के लिए चुनी गई शुरुआती परियोजनाओं में एक है. यह बोर्ड विभाग के अंतर्गत एक सांविधिक निकाय है.
थिंक्र टेक्नॉलोजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक निदेशक शीतलकुमार जामबाद ने कहा, ‘‘हमने महसूस किया कि मास्क संक्रमण रोकने में सार्वभौमिक रूप से एक बड़ा औजार बन जाएगा. लेकिन उस समय उपलब्ध और आम लोगों की पहुंच में आने वाले ज्यादातर मास्क घर में बने और अपेक्षाकृत कम गुणवत्ता के थे.'' उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में उच्च गुणवत्ता की मास्क बनाने की जरूरत ने हमें परियोजना को हाथ में लेने को प्रेरित किया. यह संक्रमण को फैलने से रोकने की एक बेहतर पहल थी.''