नोएडा के नाले में मिला करोड़ों रुपये कीमत का दुर्लभ प्रजाति का पैंगोलिन, Video वायरल 

Pangolin : पैंगोलिन की हड्डियों और मांस की तस्करी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में होती है. इसका सबसे ज्यादा प्रयोग ट्रेडिशनल चाइनीज मेडिसिन में किया जाता है. इनका इस्तेमाल यौनवर्धक दवाओं के साथ कई अन्य तरह की दवाएं बनाने में किया जाता है.

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Pangolin जो नोएडा में मिला वो दुर्लभ प्रजाति का है
नोएडा:

यूपी की नोएडा पुलिस ने विलुप्त होती दुर्लभ प्रजाति के एक पैंगोलिन को बरामद किया है. इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ रुपये कीमत है. इसका सबसे ज्यादा प्रयोग पारंपरिक चीनी दवाओं में होता है. सोशल मीडिया इस पैंगोलिन का वीडियो वायरल भी हो रहा है.  पुलिस के मुताबिक, नोएडा सेक्टर-63 के बहलोलपुर गांव में नाली में दुर्लभ प्रजाति का पैंगोलिन मिला है. यह हिंडन नदी  के पास नाली में लोगों  के डर से छिपा हुआ बैठा था. सूचना मिलने पर थाना फेज-3 कि पुलिस ने पैंगोलिन को नाली से निकालकर वन विभाग के सुपुर्द किया है.

वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि हिंडन नदी के किनारे-किनारे पैंगोलिन गांव में पहुंचा होगा. दुर्लभ प्रजाति का पैंगोलिन के मिलने की चर्चा सोशल मीडिया पर खूब रही. तस्बीरों में दिखने वाली ये एक गहरे-भूरे या पीले-भूरे रंग का दुर्लभ प्रजाति का पैंगोलिन जीव है. इसका वजन करीब 17 किलो व लंबाई तीन फीट है. यह कुछ-कुछ सांप और छिपकली की तरह दिखाई देता है. बहलोलपुर चौकी इंचार्ज सुरेंद्र सिंह ने बताया कि एक सूचना मिली सेक्टर-63 स्थित बहलोलपुर गांव में नाली में दुर्लभ प्रजाति का पैंगोलिन मिला है.

ग्रामीणों के डर से वह नाली में छिप गया था. किसी तरह पैंगोलिन को नाली से बाहर निकाला. इसके वन विभाग के अधिकारियों को सूचित किया। प्रभागीय वनाधिकारी प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बहलोलपुर गांव से मिले पैंगोलिन को कब्जा में लिया गया है। वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश मिलने के बाद ही इसे छोड़ा जाएगा. पैंगोलिन अधिकांश यमुना खादर क्षेत्र में पाया जाता है.

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प्रभागीय वनाधिकारी प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पैंगोलिन उन दुर्लभ जीवों की प्रजाति में शामिल है, जिसकी संख्या दिनों-दिन घटती जा रही है. इस कारण है पैंगोलिन की हड्डियों और मांस की तस्करी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में होती है. इसका सबसे ज्यादा प्रयोग ट्रेडिशनल चाइनीज मेडिसिन (TCM) में किया जाता है. इनका इस्तेमाल यौनवर्धक दवाओं के साथ कई अन्य तरह की दवाएं बनाने में किया जाता है.

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कई देशों में इसको नॉनवेज फ़ूड के तौर पर खाया जाता है. इसके मांस की कीमत बाजार में 27 हज़ार रुपये प्रति किलो तक होती है. दो माह पूर्व भी एक पैंगोलिन मिला था. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत ज्यादा होने से इसकी तस्करी होती रहती है। इसलिए जीव की कीमत करीब चार करोड़ रुपये के आसपास है. 

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