भारत के बैंकों में पड़ा है 78,213 करोड़, जमा करने वाले ही भूल गए, ऐसे वापस पाएं

वर्तमान में कस्टमर RBI के UDGAM पोर्टल के जरिए अपने अनक्लेम्ड जमा रकम (Unclaimed Deposits) की जांच कर सकते हैं. इसके बाद उस रकम को पाने के लिए संबंधित बैंक शाखा में जाना होता है. इस कम को पाने के लिए क्या करना होगा, जानें.

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बैंकों में पड़ी अनक्लेम्ड रकम कैसे पाएं.
नई दिल्ली:

भारत के प्राइवेट और सरकारी बैंकों में 78,213 करोड़ रुपये (Unclaimed Funds In Banks) ऐसा पड़ा हुआ है, जिस पर सालों से किसी ने दावा नहीं किया है. इस लावारिस पड़ी रकम पर किसी ने दावा नहीं किया है. लेकिन ये भी हो सकता है कि ये अनक्लेम्ड राशि आपके अपनों ने जमा की हो और वह भूल गए हों. अब इसे लेकर परेशान होने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है. क्यों कि अब सरकार ने इसे पाने की प्रक्रिया को बहुत ही आसान कर दिया है. वित्त वर्ष 26 से ये नई व्यवस्था लागू होने जा रही है. अब खाताधारक या उनके नॉमिनी बैंकों में रखकर भूली इस रकम को बहुत ही आसानी से वापस पा सकेंगे. 

बैंकों में कितनी रकम अनक्लेम्ड पड़ी है

  • वित्त वर्ष 2021 - 4560.33
  • वित्त वर्ष 2022- 4,562.48
  • वित्त वर्ष 2023- 12,254.29
  • वित्त वर्ष 2024- 11,794.17
  • वित्त वर्ष 2025- 7,946 .49

बैंकों में पड़ी अनक्लेम्ड रकम कैसे पाएं?

इसके लिए कॉमन एप्लिकेशन और डिक्लेरेशन फॉर्म्स के अलावा अन्य स्टैंडर्ड डॉक्युमेंट्स की लिस्ट को ध्यान से पढ़ना होगा. एक पब्लिक सेक्टर बैंक के एग्जीक्यूटिव ने बताया कि एप्लीकेशन के साथ ही आवेदक का नाम, मोबाइल नंबर और पता जैसी जानकारियां देनी होंगी. बैंक ब्रांच की तरफ से वेरिफिकेशन के बाद इसे प्रेसेस किया जाएगा.

वहीं एक अन्य बैंक एग्जीक्यूटिव के मुताबिक, अनक्लेम्ड रकम के मुद्दे पर विचार करने के लिए गठित किए गए वर्किंग ग्रुप की  सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया है.वित्त वर्ष 2026 से ऑनलाइन पुनर्प्राप्ति प्रणाली पूरी तरह से शुरू हो जाएगी. 

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अनक्लेम्ड राशि बैंकों से ऐसे मिलेगी वापस

बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले साल सरकार और अन्य हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद सरकारी बैंकों के सीनियर  बैंकरों का एक वर्किंग ग्रुप बनाया था. जो अनक्लेम्ड राशि के निपटान में तेजी लाने के तरीकों की सिफारिश करेगा. वहीं तीसरे एग्जीक्यूटिव ने कहा कि पूरी प्रक्रिया सभी बैंकों में आसान होगी. उन्होंने कहा कि कस्टमर जब एक बार जानकारी भर देगा तो यह सुनिश्चित हो जाएगा कि जरूरत पड़ने पर संबंधित बैंक शाखा अतिरिक्त वेरिफिकेशन के लिए कस्टमर से संपर्क करेगी. इसके बाद वेरिफाइड अकाउंट में रकम ट्रांसफर कर दी जाएगी. 

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बैंकें उठाने जा रहीं क्या कदम?

यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब बैंक 1 अप्रैल से लागू होने वाले अनक्लेम्ड डिपोजट और इनएक्टिव अकाउंट्स के  क्लासिफिकेशन पर  RBI के नए दिशा-निर्देशों को लागू करने की तैयारी में हैं. प्रस्तावित उपायों के तहत, बैंक अपनी वेबसाइटों पर अनक्लेम्ड डिपोजिट की जानकारी प्रकाशित करेंगे, जिसमें खाताधारकों के नाम और पते शामिल होंगे. साथ ही अनक्लेम्ड फंड का जांच करने के लिए सर्च फेसिलिटी भी होगी.

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वर्तमान में कस्टमर RBI के UDGAM पोर्टल के जरिए अपने अनक्लेम्ड फंड की जांच कर सकते हैं. इसके बाद उस रकम को पाने के लिए संबंधित बैंक शाखा में जाना होता है. जो बैंक अकाउंट 10 या उससे ज्यादा समय से नहीं चल रहे हैं, उनमें जमा रकम RBI के डिपोजिटर एजुकेशन और जागरूकता (DEA) कोष में ट्रांसफर कर दी जाती है. मार्च 2024 तक इस कोष में 78,213 करोड़ रुपए थे, जिसमें पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 26% की बढ़ोतरी हुई है. 
 

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