भारत 15 अगस्त (मंगलवार) को 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) मंगलवार को लगातार 10वीं बार लाल किले (Red Fort) की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करेंगे. अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनावों (Loksabha Elections 2024) से पहले लाल किले से पीएम मोदी का आखिरी संबोधन होगा. प्रधानमंत्री मोदी इस वार्षिक कार्यक्रम का इस्तेमाल अपनी सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश करने, प्रमुख योजनाओं का अनावरण करने और देश के लिए अपना भावी दृष्टिकोण रखने के लिए करते रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री 2014 के बाद से विभिन्न क्षेत्रों में हुए विकास की रुपरेखा सबके सामने रख सकते हैं. आने वाले वर्षों के लिए अपने दृष्टिकोण को रेखांकित कर सकते हैं, जैसा कि उन्होंने पिछले संबोधनों में भी किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधनों के राजनीतिक निहितार्थ भी निकाले जाते रहे हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि इस बार के उनके संबोधन में भी आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कोई ना कोई राजनीतिक संदेश भी हो सकता है.
राजनीतिक हमला करने से बचते रहे हैं पीएम
मोदी स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधनों में विपक्षी दलों पर कोई सीधा राजनीतिक हमला करने से बचते रहे हैं, लेकिन उन्होंने अक्सर भ्रष्टाचार और परिवारवाद के मुद्दों पर विपक्ष पर निशाना साधा है. विपक्षी दलों के कार्यकाल को वह नीतिगत पंगुता का दौर बताते रहे हैं. उसके बाद अपनी सरकार में शासन में आए बदलावों पर जोर भी देते रहे हैं. प्रधानमंत्री ने अपने भाषणों में अक्सर भारत के बढ़ते वैश्विक कद का उल्लेख किया है. राष्ट्रीय हित के साथ ही सुरक्षा और विदेश नीति पर भी प्रकाश डाला है.
पिछले स्वतंत्रता दिवस पर की ‘पंच प्रण' की घोषणा
पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर ‘पंच प्रण' की घोषणा प्रधानमंत्री के भाषण का मुख्य आकर्षण था, क्योंकि उन्होंने लोगों से 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने, औपनिवेशिक मानसिकता के किसी भी निशान को खत्म करने, विरासत पर गर्व करने, एकता की ताकत को बढ़ावा देने और ईमानदारी के साथ नागरिकों के कर्तव्यों को पूरा करने का आह्वान किया था.
अपने भाषण में जमीनी मुद्दों को उठाते रहे हैं मोदी
पीएम ने अक्सर इस बात पर प्रकाश डाला है कि उन्होंने खुले में शौच के चलन को समाप्त करने के लिए गरीब परिवारों के लिए शौचालय बनाने जैसे जमीनी मुद्दों को कैसे उठाया है. जानकारों के मुताबिक इस वर्ष भी प्रधानमंत्री कुछ महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा कर सकते हैं. 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले 2018 में, मोदी ने गरीबों के लिए महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य बीमा योजना, आयुष्मान भारत शुरु किए जाने की घोषणा की थी.
स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषणों में उन्होंने 2019 में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) पद के सृजन, 2021 में आजादी का अमृत महोत्सव मनाने जैसे महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों की घोषणा की और गति शक्ति योजना और 75 वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू करने की परियोजना को रेखांकित किया.