ऐतिहासिक कदम! जिन सिग्नल्स पर मांगते थे भीख, आज वहीं ट्रैफिक संभाल रहे ट्रांसजेंडर; ऐसे बदली जिंदगी

पटनी सेंटर में काम करने वाली निशा ने ट्रांसजेंडर समुदाय को अवसर देने के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी का आभार जताया. बारहवीं कक्षा तक पढ़ाई कर चुकी निशा ने बताया कि उन्हें समाज में, कॉलेज में, दोस्तों और यहां तक ​​कि माता-पिता द्वारा भी भेदभाव का सामना करना पड़ा.

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हैदराबाद:

शहर की सड़कों पर भीख मांगने से लेकर उन्हीं स्थानों पर यातायात प्रबंधन करने तक हैदराबाद में 39 ट्रांसजेंडर के लिए सशक्तीकरण की यह एक अविश्वसनीय यात्रा रही है, जिन्हें शहर की पुलिस की मदद के लिए यातायात सहायक के रूप में शामिल किया गया है.

प्रायोगिक आधार पर यातायात सहायक के रूप में नियुक्त ट्रांसजेंडरों का कहना है कि अब उन्हें नागरिकों से सम्मान मिलता है, जबकि अतीत में उन्हें गंभीर भेदभाव और अपमान का सामना करना पड़ता था. ट्रांसजेंडर यातायात सहायक निशा ने शुक्रवार को 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘यह बहुत अच्छी बात है कि हम उन जगहों पर भी यातायात का प्रबंधन कर रहे हैं जहां हम पहले भीख मांगते थे.''

यहां पटनी सेंटर में काम करने वाली निशा ने ट्रांसजेंडर समुदाय को अवसर देने के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी का आभार जताया. बारहवीं कक्षा तक पढ़ाई कर चुकी निशा ने बताया कि उन्हें समाज में, कॉलेज में, दोस्तों और यहां तक ​​कि माता-पिता द्वारा भी भेदभाव का सामना करना पड़ा.

निशा ने कहा, ‘‘मेरे माता-पिता ने मुझे स्वीकार नहीं किया. लेकिन, अब उन्होंने मुझे स्वीकार कर लिया है. मेरे दोस्त मुझसे दूर रहते थे. लेकिन, अब वे मुझे संदेश भेजा करते हैं और संपर्क में रहते हैं. नौकरी मिलने के बाद मेरे रिश्तेदार और दूसरे लोग मेरी तारीफ कर रहे हैं. यह आश्चर्य की बात है. मैं इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती.''

एक अन्य यातायात सहायक सना ने कहा कि यह उनके लिए गर्व की बात है कि उन्हें नागरिकों से सम्मान मिलता है, जबकि पहले लोग उनसे बात करने में भी झिझकते थे. अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) पी विश्व प्रसाद ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि ट्रांसजेंडर यातायात सहायक अच्छा काम कर रहे हैं और करीब 10 दिन पहले उनकी नियुक्ति के बाद से कोई शिकायत या कोई असामान्य बात नहीं आई है.

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त ने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को पेशेवर कौशल हासिल करने में कुछ समय लगेगा. वे समाज के साथ घुलना-मिलना चाहते हैं और अच्छा करना चाहते हैं. यह सब तब शुरू हुआ जब पिछले साल नवंबर में मुख्यमंत्री रेड्डी ने अधिकारियों से शहर के उच्च यातायात वाले क्षेत्रों में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को यातायात स्वयंसेवक के रूप में नियुक्त करने के लिए कहा था.

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