''अगर शाम तक संदेश आता है...'' कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन पर बोले बीएस येदियुरप्पा

कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर आज बड़ा फैसला हो सकता है. मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा है कि आज शाम तक भाजपा हाई कमान से जो भी संदेश आएगा, वो उसका पालन करेंगे.

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बेंगलुरू:

कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों ने जोर पकड़ लिया है. मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा है कि उन्हें अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में आज शाम तक भाजपा आलाकमान से संदेश मिलने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, "अगर शाम तक संदेश आता है, तो मैं आपको तुरंत बता दूंगा." 78 वर्षीय येदियुरप्पा ने इस महीने की शुरुआत में अचानक दिल्ली का दौरा किया था, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी.

कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर हफ्तों की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री ने कहा है कि उन्हें इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा गया है. गुरुवार को उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ''यहां हमारी सरकार के दो साल पूरे होने पर 26 जुलाई को एक कार्यक्रम है. इसके बाद जो भी (भाजपा अध्यक्ष) जेपी नड्डा तय करेंगे मैं उसका पालन करूंगा.'

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सवाल खड़े हो रहे हैं कि राज्य में जारी बाढ़ की समस्या के मध्य क्या 78 वर्षीय बीएस येदियुरप्पा को पद छोड़ने के लिए कहा जाएगा. आज सुबह येदियुरप्पा राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों में से एक बेलगावी के दौरे के लिए बेंगलुरू से उड़ाने भरे. राज्य के कई जिलों में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश में नौ लोगों की मौत हो गई और तीन लोग लापता हैं.

हजारों लोगों के घरों में पानी भर जाने के बाद उन्हें निकाला गया. अलमाटी बांध सहित उत्तरी क्षेत्र के बांधों ने नदी का जलस्तर बढ़ने पर पानी छोड़ा. मौसम विभाग ने कई जिलों के लिए जारी किया रेड अलर्ट तो हटा दिया है, लेकिन 28 जुलाई तक कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है.

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ और अन्य आपदा राहत एजेंसियों द्वारा नावों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

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येदियुरप्पा ने 2019 में गठबंधन सरकार से पदभार संभाला, तो राज्य में भारी बारिश और बाढ़ थी. वह अपने शपथ समारोह के बाद दिल्ली गए थे, लेकिन केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने उन्हें राज्य में बाढ़ की स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए वापस भेज दिया था. कई दिनों तक येदियुरप्पा ने कैबिनेट के एकमात्र सदस्य के रूप में राहत कार्यों की निगरानी के लिए बारिश प्रभावित जिलों का दौरा किया था.

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इस बार उन्होंने अपने मंत्रियों को राहत और बचाव कार्यों की निगरानी के लिए अपने-अपने जिलों में सक्रिय रहने के लिए कहा है.

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