झारखंड के 23 बिजलीकर्मी महाराष्ट्र के रायगढ़ से मुक्त कराए गए

श्रमिक रायगढ़ जिले में स्थित एल एंड टी (लार्सन एंड टुब्रो) कोंकण रेलवे में इलेक्ट्रीशियन का काम करते थे, कंपनी इन्हें पिछले तीन महीने से वेतन नहीं दे रही थी

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
प्रतीकात्मक फोटो.
रांची:

महाराष्ट्र के रायगढ़ में निजी कंपनी में तीन माह से अधिक समय से फंसे 23 बिजलीकर्मियों को झारखंड सरकार की पहल पर मुक्त कराकर आज यहां वापस लाया गया. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने यहां बताया कि महाराष्ट्र की एक निजी कंपनी में बिजली का काम करनेवाले झारखंड के श्रमिकों को कम से कम तीन माह से पैसा नहीं दे रही थी.

राज्य सरकार के संज्ञान में यह घटना आने के बाद कंपनी पर दबाव डाल कर सभी श्रमिकों को मुक्त कराया गया. आज यहां वापस आये श्रमिकों ने घर वापसी में सरकार की पहल के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया. उन्होंने बताया कि पश्चिमी सिंहभूम के 23 श्रमिक महाराष्ट्र के रायगढ़ से एसआरसी फेस्टिवल स्पेशल ट्रेन से मंगलवार को चक्रधरपुर पहुंच गए. ये श्रमिक रायगढ़ जिला स्थित एल एंड टी (लार्सन एंड टुब्रो) कोंकण रेलवे में इलेक्ट्रीशियन का काम करते थे. कंपनी इन्हें पिछले तीन महीने से वेतन नहीं दे रही थी.

ऐसे में मुश्किल से काम कर रहे मजदूरों ने वापस लौटने का फैसला किया. पर उनके पास ट्रेन का टिकट खरीदने के भी पैसे नहीं थे. इन श्रमिकों ने श्रम विभाग के राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष से संपर्क कर मदद की गुहार लगाई. इसके बाद राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने एल एंड टी के मैनेजर से बात कर सभी श्रमिकों के लिये ट्रेन भाड़े के मद में 10 हजार रुपये की व्यवस्था करायी और उन्हें आज राज्य वापस लाया गया.

Advertisement

प्रवक्ता ने बतााय कि कंपनी ने बताया है कि जल्दी ही श्रमिकों के बकाया वेतन का भी भुगतान कर दिया जायेगा. सभी श्रमिक पश्चिमी सिंहभूम के सनकुचिया गांव के नीमडीह पंचायत के टोंटो प्रखंड के निवासी हैं. कुछ महीने पहले से ही ये रायगढ़ स्थित कंपनी में इलेक्ट्रीशियन का काम कर रहे थे. वहां श्रमिकों का तीन महीने से वेतन बकाया था.

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
IndiGo Flight Emergency Landing: दिल्ली-श्रीनगर इंडिगो फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग | Breaking News
Topics mentioned in this article