केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने कहा है कि आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रा मिशन, समृद्ध भारत के लिए है और देश का स्वस्थ होना ज़रूरी है. मंगलवार को उन्होंने कहा कि इसके तहत हम हर जिले में मेडिकल कॉलेज की दिशा में आगे बढ़े हैं. स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि पीएम मोदीजी ने 157 नये मेडिकल कॉलेज मंजूर किए हैं, सीटें भी बढ़ी हैं. इसने हमें कोरोना के दौरान की कमी दूर करने का अवसर दिया, कमी कहां है इसको लेकर आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रा मिशन के जरिए दूर करने की कोशिश हो रही है.उन्होंने बताया कि ये योजना करीब 64 हजार करोड़ रुपए का है जो 5 साल में खर्च होगा. 1 ज़िले में 90 से 100 करोड़ का खर्च अगले 5 साल में किया जाएगा. स्वदेश में विकसित की गई कोरोना वैक्सीन,कोवैक्सीन को लेकर उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की टेक्निकल कमेटी ने इसे मंजूरी दे दी है. आज WHO की बैठक है. उम्मीद है covaxin को जल्दी इमरजेंसी यूज लिस्टिंग (EUL) मिल जाएगा.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि WHO की अपनी एक प्रक्रिया है. पहले टेक्निकल कमेटी देखती है, उसके बाद दूसरी कमेटी देखती है. टेक्निकल कमेटी ने कोवैक्सीन को लेकर पॉजिटिव साइन दिया है, दूसरी सब कमेटी आज बैठक कर रही है. आज WHO की बैठक है और उम्मीद है covaxin को जल्दी मंजूरी मिल जाएगी.
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) में एडीशनल सेक्रेटरी विकास शील ने इस मौके पर कहा कि विकास शील, PM आयुष्मान हेल्थ इंफ्रा मिशन, स्वास्थ्य की दिशा में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में योजना है. इसके अंतर्गत हर जिले में हेल्थ इंफ्रा विकसित होगा. साथ ही डायग्नोस्टिक और ट्रीटमेंट की ज़िले में व्यवस्था हो होगी.हर जिले में लैब होगी. NCDC के 5 रीनल ब्रांचेस बनाए जाएंगे तथा 20 बड़े शहरों में NCDC के यूनिट बनाए जाएंगे. 15 bsl iii लैब NCDC और ICMR के बनाए जाएंगे.15 हेल्थ इमर्जेंसी ऑपरेशन सेंटर (24x7) राज्यों में बनाए जाएंगे.भारत सरकार के 12 अस्पतालों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक्स बनाए जाएंगे. 2 कंटेनर बेस्ड मोबाइल हॉस्पिटल बनाए जाएंगे. ये अत्याधुनिक WHO के मानक के हिसाब से होंगे. जहां सुविधा की कमी होगी वहां,इन्हें एयर और ट्रेन के माध्यम से भेजा जा सकेगा. 4 नए NIV बनाए जाएंगे अभी एक पुणे में है.आने वाले 5 साल में ज़िले के अस्पताल में 134 तरह के टेस्ट मुफ्त में होंगे.