रूस (Russia) की तरफ से यूक्रेन (Ukraine) पर आक्रमण शुरू करने के बाद हजारों भारतीयों को यूक्रेन से निकाला गया लेकिन अभी 15-20 भारतीय यूक्रेन में फंसे (Indians Stuck in Ukraine) हैं, जो वहां से निकलना चाहते हैं. सरकार की तरफ से दी गई इस जानकारी में कहा गया है कि ऑपरेशन गंगा अभी ख़त्म नहीं हुआ है. सरकार ने बताया है कि युद्ध के इलाके में फंसे हुए कुछ भारतीय सुरक्षित निकलने का अभी भी इंतजार कर रहे हैं. सरकार ने आश्वासन दिया है कि ऑपरेशन गंगा के तहत बचाव की फ्लाइट्स समाप्त नहीं हुई हैं और इन भारतीयों के बचाव की भी तैयारी की जा रही है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि हम इन लोगों तक सभी संभव मदद पहुंचा रहे हैं. कुछ लोग अभी भी खेरसन में फंसे हैं. ऑपरेशन गंगा खत्म नहीं हुआ है और हम उन लोगों की मदद कर रहे हैं जो बच कर निकलना चाहते हैं."
यूक्रेन में जैसे-जैसे तनाव बढ़ता गया, यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने जनवरी 2022 में भारतीयों के लिए पंजीकरण अभियान शुरू किया और इसके चलते करीब 20 हजार भारतीयों ने पंजीकरण कराया.
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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि आधे से ज्यादा छात्र पूर्वी यूक्रेन के विश्वविद्यालयों से थे. यह रूस की सीमा के नजदीक है और अब तक संघर्ष का केंद्र हैं. उन्होंने कहा, " बचाए गए छात्र भारत के 35 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों से हैं, जिनमें केरल, यूपी, हरियाणा, तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार और राजस्थान जैसे राज्यों से हर एक से एक हजार से ज्यादा छात्र हैं."
इतना ही नहीं, सरकार ने जानकारी दी थी कि यूक्रेन से 18 देशों के 147 विदेशी नागरिकों को ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन से निकालकर भारत लाया गया है. जयशंकर ने यूक्रेन की स्थिति को लेकर संसद के दोनों सदनों में दिए एक बयान में कहा, "भारत के वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत के अनुरूप विदेशी नागरिकों को भी संघर्ष क्षेत्रों से निकाला गया और भारत लाया गया. उनमें 18 देशों के 147 नागरिक शामिल थे. कई यूक्रेनी नागरिक जो भारतीय नागरिकों के परिवार के सदस्य हैं, उन्हें भी निकाला गया है.