ऋषिगंगा हादसे में लापता 136 लोगों को मृत घोषित करने प्रक्रिया शुरू

शिनाख्त नहीं हुए शवों के डीएनए रिपोर्ट आने पर लापता लोगो के परिजनों को डीएनए सैंपल के लिए बुलाया गया है.

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सात फरवरी को चमोली की ऋषिगंगा घाटी में आई आपदा से प्रभावित क्षेत्रों से अब तक कुल 68 शव बरामद हो चुके हैं.
चमोली:

ऋषिगंगा हादसे में लापता 136 लोग मृत घोषित किये जाने की प्रक्रिया प्रशासन की ओर से शुरू कर दी गई है. शिनाख्त नहीं हुए शवों के डीएनए रिपोर्ट आने पर लापता लोगो के परिजनों को डीएनए सैंपल के लिए बुलाया गया है. रविवार तक चमोली जिले में आई आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़ कर अब 68 हो गयी है. हालांकि, कई जगह पर अभी भी राहत एवं बचाव कार्य जारी है. 

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक चमोली पुलिस ने मंगलवार को बताया, 'अलग-अलग जगह से अब तक कुल 70 शव और 29 मानव अंग बरामद हुए हैं, इनमें से 39 शवों और एक मानव अंग की शिनाख्त हो चुकी है.'

तपोवन सुरंग से रविवार को एक और शव बरामद किया गया था. आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि रविवार को तपोवन—विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना की सुरंग से निकाले गए शव की पहचान झारखंड के लोहरदगा जिले के किसको क्षेत्र निवासी 27 वर्षीय सुनील बखला के रूप में हुई है. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही तपोवन सुरंग से अब तक 14 शव बरामद हो चुके हैं.

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उन्होंने बताया कि इससे पहले कल शनिवार को तपोवन बैराज साइट से पांच शव बरामद हुए थे. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम द्वारा तपोवन बैराज साइट पर निकाले गए पांचों शव की भी शिनाख्त हो चुकी है जिनमें झारखंड निवासी अमृत कुमार और ज्योतिष वासला, बिहार निवासी मुन्ना कुमार सिंह, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर के रहने वाले जलाल और देहरादून के कालसी क्षेत्र के निवासी जीवन सिंह शामिल हैं.

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सात फरवरी को चमोली की ऋषिगंगा घाटी में आई आपदा से प्रभावित क्षेत्रों से अब तक कुल 68 शव बरामद हो चुके हैं जबकि 136 अन्य व्यक्ति लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए बचाव और राहत अभियान जारी है . एनटीपीसी की निर्माणाधीन तपोवन—विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना को हुई भारी क्षति के अलावा रैंणी में स्थित उत्पादनरत 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना भी बाढ से पूरी तरह तबाह हो गई थी. (इनपुट- भाषा से भी)

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