10वीं-12वीं में 2 बार एग्जाम! क्या है सरकार का यह प्लान, हर मां-बाप के लिए काम की जानकारी

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 10वीं और 12वीं के छात्रों के पास दोनों ही सेशन में एग्जाम (10th 12th Board Exam Twice) देने का ऑप्शन होगा. वह जिसमें भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे, उसी स्कोर को आखिरी माना जाएगा.

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10वीं और 12वीं बोर्ड एग्जाम पर सरकार का बड़ा फैसला.
नई दिल्ली:

Board Exam: अगर आपका बच्चा 10वीं या 12वीं (Board Exam) में पढ़ रहा है, तो ये आपके लिए काम की खबर है. 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा अगले साल यानी कि 2025 से साल में दो बार होगी. शिक्षा मंत्रालय से अलगे शैक्षणिक सत्र 2025-26 से दसवीं और बारहवीं बोर्ड एग्जाम को साल में दो बार करवाने को लेकर अपनी सहमति दे दी है. अब पहला एग्जाम अप्रैल और दूसरा एग्जाम फरवरी में होगा. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि बोर्ड के एग्जाम साल में दो बार यानी कि JEE की तर्ज पर कराने को लेकर सहमति बनी है. सरकार चाहती है कि इस नियम को बेहतर तरीके से अमल में लाया जाए, इसीलिए CBSE और अन्य बोर्डों के साथ सरकार चर्चा कर रही है. 

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 10वीं और 12वीं के छात्रों के पास दोनों ही सेशन में एग्जाम देने का ऑप्शन होगा. वह जिसमें भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे, उसी स्कोर को आखिरी माना जाएगा.

साल में 2 बार बोर्ड एग्जाम राहत या परेशानी?

दसवीं और बारहवीं के एग्जाम साल में दो बार कराए जाने का सरकार का फैसला बच्चों और उनके माता-पिता के लिए राहत देने वाला है. बच्चों के भीतर बोर्ड एग्जाम को लेकर जो भी तनाल होता था, वह अब खत्म हो जाएगा. बोर्ड एग्जाम को लेकर हमेशा से ही छात्रों के भीतर तनाव और खौफ रहा है. मौजूदा हालात में अगर एक बार एग्जाम खराब हो जाए तो बच्चे का साल भी खराब हो जाता है. उसे अगली साल फिर से उसी क्लास में पढ़कर वह एग्जाम देना पड़ता है. लेकिन सरकार के नए फैसले से बच्चों के पास साल में दो बार बोर्ड एग्जाम देने का विकल्प होगा. मान लीजिए अगर अप्रैल में एग्जाम खराब हो भी जाता है तो बच्चा इस बात का तनाव नहीं लेगा कि उसको अगले साल का इंतजार करना होगा. उसके पास अब फरवरी में दोबारा एग्जाम देने का अवसर होगा. 

2 बार बोर्ड एग्जाम, सरकार का प्लान क्या?

नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत केंद्र सरकार ने पिछले साल एजुकेशन सिस्टम में कई तरह के बदलावों का ऐलान किया था. साल 2024 के एकेडमिक सेशन के लिए इसमें किताबों के साथ ही नए सिलेबस वर्क फ्रेम को शामिल करना भी शामिल है. नए सिलेबस में साल में 2 बार बोर्ड एग्जाम कराना भी शामिल है. इसके तहत जिस की एग्जाम में बच्चा अच्छे नंबर लाएगा, उन्हीं नंबरों के आधार पर वह आगे की पढ़ाई कर सकता है. दो बार एग्जाम कराने के फैसले के पीछे सरकार की कोशिश कम उम्र में बच्चों में आने वाले तनाव को कम करना और शिक्षा व्यवस्था को और भी आसान बनाना है. 

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हायर एजुकेशन में भी नहीं होगी परेशानी

उच्च शैक्षणिक संस्थानों में साल में दो बार प्रवेश देने के फैसले के बाद सवाल ये भी बड़ा था कि 12वीं के एग्जाम देरी से होने की वजह से दाखिला लेने में पेरशानी का सामान करना पड़ता. लेकिन अब यह परेशानी भी खत्म हो गई. अब अगर कोई बच्चा जुलाई-अगस्त में एडमिशन नहीं भी ले पाता है तो उसके पास जनवरी-फरवरी में भी एडमिशन लेने का ऑप्शन होगा. बच्चे को अब एडमिशन के लिए पूरे साल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. 

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हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में साल में दो बार एंट्रेंस देने की मंजूरी के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने ये भी साफ कर दिया कि छात्रों को दोनों ही सेशन में एडमिशन CUET के आधार पर मिलेगा. दूसरे सेशन में एडमिशन के लिए उनको अलग से कोई भी एगअजाम नहीं देना होगा. वर्तमान में क्या होता है कि हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में एडमिशन के लिए छात्रों को CUET एग्जाम देना पड़ता है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. 

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2 बार एग्जाम से कम होगा बच्चों का तनाव

सरकार के फैसले से अब ये तो साफ है कि इससे बच्चों का तनाव जरूर कम होगा. शिक्षा मंत्री कहा कि सरकार ने साल में दो बार बोर्ड एग्जाम कराने के लिए वैसे तो दो फॉर्मूले तैयार किए हैं. दूसरा फॉर्मूला 6-6 महीने में दो बार एग्जाम कराने का है. 

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