मिजोरम में टीबी से 108 लोगों की मौत, 2,272 लोग पाए गए पीड़ित

अधिकारियों ने बताया कि इनमें से 38 मरीजों में एमडीआर-टीबी पाया गया जबकि 57 मरीज टीबी और एचआईवी-एड्स दोनों से पीड़ित पाए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि इन मरीजों में से छह प्रतिशत को मधुमेह की समस्या है, 33 प्रतिशत मरीज तम्बाकू का सेवन करते हैं जबकि 16 प्रतिशत शराब पीते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins

मिजोरम में पिछले साल टीबी से कुल 108 लोगों की मौत हुई. बुधवार को अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल कुल 17,432 लोगों के ख़ून के नमूनों की जांच की गई थी और उनमें से 2,272 लोग टीबी से पीड़ित पाए गए.

उन्होंने बताया कि कुल 2,272 मरीजों में से 164 में बहु-औषध प्रतिरोधी टीबी (मल्टी-ड्रग रेजिस्टेंस ट्यूबरक्युलोसिस यानी एमडीआर-टीबी) पाया गया. इनमें से 86 प्रतिशत मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया गया, जबकि 108 लोगों की मौत हो गई. इस साल जनवरी से मार्च के बीच खून के 3,761 नमूनों की जांच के बाद कुल 595 लोगों में टीबी का पता चला.

अधिकारियों ने बताया कि इनमें से 38 मरीजों में एमडीआर-टीबी पाया गया जबकि 57 मरीज टीबी और एचआईवी-एड्स दोनों से पीड़ित पाए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि इन मरीजों में से छह प्रतिशत को मधुमेह की समस्या है, 33 प्रतिशत मरीज तम्बाकू का सेवन करते हैं जबकि 16 प्रतिशत शराब पीते हैं.

इस साल अब तक आइजोल जिले में टीबी के सर्वाधिक 433 मरीज़ पाए गये हैं, वहीं कोलासिब जिले में 46 और लुंगलई जिले में 34 ऐसे मरीजों का पता चला है.

पश्चिमी मिजोरम के मामित जिले में टीबी के सबसे कम, कुल पांच मामले हैं. राज्य के केवल 187 लोगों ने ‘प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान' के तहत 'निक्षय' प्लेटफार्म पर टीबी के मरीजों को सहायता प्रदान करने के लिए पंजीकरण कराया हैं.

यह पहल सितंबर 2022 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा शुरु की गई थी, जिसका लक्ष्य 2025 तक भारत से टीबी को समाप्त करने की देश की प्रतिबद्धता पूरी करने में सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करना हैं. टीबी उन्मूलन का वैश्विक लक्ष्य 2030 है.

Advertisement

ये भी पढ़ें:- 
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चुनाव आयोग ने बदला EVM-VVPAT से जुड़ा प्रोटोकॉल, दिए ये निर्देश

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
RSS Chief Mohan Bhagwat और BJP के अलग-अलग बयानों की पीछे की Politics क्या है?
Topics mentioned in this article