उत्तराखंड CM तीरथ सिंह रावत के 'फटी जीन्स' वाले बयान पर स्मृति ईरानी ने क्या कहा...?

रावत उस समय आलोचनाओं के घेरे में आ गए जब उन्होंने कहा कि मूल्यों में आई गिरावट युवाओं के अजीबोगरीब फैशन से झलकता है और वे घुटने पर फटी जींस पहनकर अपने को खास समझने लगते हैं. 

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नई दिल्ली:

केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने गुरुवार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) की ‘‘फटी जींस'' (Ripped Jeans) टिप्प्पणी को लेकर हुए विवाद पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि लोग किस तरह से कपड़े पहनें, इससे नेताओं का कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि उनका काम नीति निर्धारण करना और कानून का शासन सुनिश्चित करना है. बता दें कि रावत उस समय आलोचनाओं के घेरे में आ गए जब उन्होंने कहा कि मूल्यों में आई गिरावट युवाओं के अजीबोगरीब फैशन से झलकता है और वे घुटने पर फटी जींस पहनकर अपने को खास समझने लगते हैं. 

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ईरानी ने टाइम्स नेटवर्क इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव के सातवें संस्करण में कहा कि कुछ चीजें पवित्र हैं और उनमें से एक है महिलाओं का अपनी जिंदगी जीने के तरीके को चुनना और जिस तरीके से वे उपयुक्त समझें, समाज से जुड़ने का. ईरानी ने कहा, ‘‘नेताओं का इस बात से कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए कि लोग किस तरह से कपड़े पहनते हैं, क्या खाते हैं, वे क्या करते हैं क्योंकि हमारा काम नीति बनाना है और कानून का शासन सुनिश्चित करना है. कई नेताओं ने गलत बयानी की है.''

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आपको बता दें कि हाल ही में सीएम रावत ने देहादून में एक आयोजन के दौरान एक बयान में महिलाओं के फटी जींस पहनने को लेकर टिप्पणी की थी और कहा कि उन्हें नहीं लगता कि ऐसी महिलाएं घर पर अपने बच्चों को सही माहौल दे सकती हैं. उन्होंने कहा कि वो एक एनजीओ चलाने वाली महिला को फटी हुई जींस पहने हुए देखकर हैरान थे और इस बात को लेकर चिंता में थे कि वो समाज में किस तरह की मिसाल पेश कर रही थी. उन्होंने कहा, 'अगर इस तरह की महिला समाज में लोगों से मिलने जाएगी, उनकी समस्या सुनने जाएगी, तो हम अपने समाज, अपने बच्चों को किस तरह की शिक्षा दे रहे हैं? यह सबकुछ घर से शुरू होता है. हम जो करते हैं बच्चे वही सीखते हैं. अगर बच्चे को घर पर सही संस्कृति सिखाई जाती है तो वो चाहे कितना भी मॉडर्न बन जाए, कभी जिंदगी में फेल नहीं होगा.'

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उन्होंने कहा था कि एक तरफ जहां पश्चिम के देश भारत के योग और अपने तन को ढंकने की परंपरा को देखते हैं, वहीं 'हम नग्नता के पीछे भागते हैं.' उन्होंने कहा, 'कैंची से संस्कार- घुटने दिखाना, फटी हुई डेनिम पहनना और अमीर बच्चों जैसे दिखना- ये सारे मूल्य बच्चों को सिखाए जा रहे हैं. अगर घर से नहीं आ रहा है, तो कहां से आ रहा है? इसमें स्कूल और टीचरों की क्या गलती है? में फटी हुई जींस में, घुटना दिखा रहे अपने बेटे को लेकर कहां जा रहा हूं? लड़कियां भी कम नहीं हैं, घुटने दिखा रही हैं, क्या ये अच्छी बात है?'

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उनका बयान तो यहीं तक था, उनके नए मंत्री गणेश जोशी ने उसके ऊपर से बयान दिया कि महिलाओं को अच्छे बच्चे पालने-पोसने पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा, 'महिलाएं बात करती हैं कि वो जीवन में क्या-क्या करना चाहती हैं लेकिन उनके लिए सबसे जरूरी है कि वो अपने परिवार और अपने बच्चों का खयाल रखें.' हालांकि इसे बाद मुख्यमंत्री रावत को देशभर से कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी और बाद में मांफी भी मांगी. 

Video : खबरों की खबर : क्या जींस के पैमाने से तय होगा संस्कार?

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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