युद्धग्रस्त यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों का खर्च उठाएगी तेलंगाना सरकार

इससे पहले राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (NMC) ने कहा था कि यूक्रेन संकट और कोविड जैसी विषम परिस्थितियों के कारण अपनी इंटर्नशिप अधूरी छोड़कर देश आनेवाले विदेशी मेडिकल स्नातक स्क्रीनिंग टेस्ट पास करने के बाद अपनी इंटर्नशिप भारत में पूरी कर सकते हैं.

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हैदराबाद:

तेलंगाना (Telangana) के जो छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन (Ukraine) गए थे और रूसी हमले (Russian invades) के बाद देश वापस लौटे हैं. उनकी पढ़ाई के लिए तेलंगाना की के. चंद्रशेखर राव सरकार ( K Chandrashekhar Rao Government) सरकार पैसे देगी. केंद्र सरकार ने हाल ही में युद्धग्रस्त देश से 18,000 से अधिक भारतीयों को निकालकर स्वदेश लाया है.

इनमें से ज्यादातर छात्र ऐसे हैं जो मेडिकल की पढ़ाई करने गए थे, जिसकी लागत भारत की अपेक्षा पूर्व सोवियत गणराज्य में सस्ती है लेकिन फरवरी में रूसी हमले छात्रों के लिए एक बड़ा झटका था. हमलों की वजह से वहां फंसे भारतीयों के लिए पर्याप्त भोजन, पानी और कुछ मामलों में आश्रय का भी संकट उठ खड़ा हुआ था. इसके बाद सरकार ने बड़े पैमाने पर ऑपरेशग गंगा चलाकर वहां फंसे सभी भारतीयों को वापस निकाला है.

इससे पहले राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (NMC) ने कहा था कि यूक्रेन संकट और कोविड जैसी विषम परिस्थितियों के कारण अपनी इंटर्नशिप अधूरी छोड़कर देश आनेवाले विदेशी मेडिकल स्नातक (Foreign Medical Graduates) स्क्रीनिंग टेस्ट पास करने के बाद अपनी इंटर्नशिप भारत में पूरी कर सकते हैं.

यूक्रेन से लौट रहे फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स भारत में स्क्रीनिंग टेस्ट पास करने के बाद पूरी कर सकेंगे इंटर्नशिप

गौरतलब है कि एनएमसी (विदेशी चिकित्सा स्नातक लाइसेंसधारी) विनियम, 2021 के प्रावधानों में ढील देने या यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों को भारत या विदेश में निजी कॉलेजों में अपना पाठ्यक्रम पूरा करने में सक्षम बनाने के विकल्प तलाशने की संभावनाओं पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विचार कर रहे हैं.

सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी), स्वास्थ्य मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और नीति आयोग के अधिकारी जल्द ही महत्वपूर्ण बैठक करेंगे और मानवीय आधार पर इस मुद्दे की समीक्षा की जाएगी और सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा.एनएमसी (विदेशी चिकित्सा स्नातक लाइसेंसधारी) विनियम, 2021 के प्रावधानों के अनुसार पूरा पाठ्यक्रम, प्रशिक्षण और इंटर्नशिप या क्लर्कशिप पूरे अध्ययन के दौरान एक ही विदेशी चिकित्सा संस्थान में भारत के बाहर की जाएगी.

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