तीन महीने में 2 फीसदी की फास्ट रिकवरी! अब माइनस 7.5% GDP ग्रोथ का RBI ने जताया अनुमान

GDP Growth Projection: आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने ऑनलाइन ब्रीफिंग में मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट में 0.1 फीसदी की वृद्धि और और चौथी तिमाही में 0.7 फीसदी की वृद्धि का भी अनुमान जताया है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में मांग में वृद्धि की वजह से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने के आसार हैं.

Advertisement
Read Time: 23 mins
G
मुंबई:

भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) ने साल 2020-21 के लिए वास्तविक जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) का संशोधित अनुमान   -7.5 फीसदी जताया है. पहले यह अनुमान -9.5 प्रतिशत के पास जताया गया था. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das)  ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद ऑनलाइन ब्रीफिंग में इसका ऐलान किया. रिजर्व बैंक ने अक्टूबर में पेश मौद्रिक नीति समीक्षा में कहा था कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी वृद्धि दर में 9.5 फीसदी की गिरावट का अनुमान है. यानी तीन महीने में दो फीसदी की फास्ट रिकवरी का अनुमान रिजर्व बैंक ने जताया है.

आरबीआई गवर्नर ने विश्वास दिलाया है कि मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था में सकारात्मक जीडीपी ग्रोथ दिखाई देगा. RBI का यह संशोधित अनुमान अर्थव्यवस्था में आई हल्की तेजी और वित्त वर्ष 21 की पांचवीं द्विमासिक मौद्रिक नीति बैठक में इकॉनोमी में  "समायोजनकारी" नीति को अपनाने कै फैसले के आधार पर जताया गया है.

RBI ने नहीं किया मुख्य दरों में बदलाव, रेपो रेट चार फीसदी पर बरकरार

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने ऑनलाइन ब्रीफिंग में मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट में 0.1 फीसदी की वृद्धि और और चौथी तिमाही में 0.7 फीसदी की वृद्धि का भी अनुमान जताया है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में मांग में वृद्धि की वजह से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने के आसार हैं. उन्होंने कहा कि शहरी इलाकों में मांग में तेजी देखी गई है.

Advertisement

RBI ने HDFC बैंक को डिजिटल गतिविधियों और नए क्रेडिट कार्ड जारी करने से रोका

Advertisement

कोरोना वायरस महामारी के बीच अर्थव्यवस्था में गिरावट के बीच RBI ने प्रमुख नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. केंद्रीय बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट (Repo Rate) को 4 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला लिया गया है. लगातार तीसरी बार रेपो रेट को मौजूदा स्तर पर रखा गया है. मुद्रास्फीति का उच्च स्तर और जीडीपी (GDP) में गिरावट को देखते हुए कई अर्थशास्त्रियों ने पहले ही रेपो रेट को मौजूदा स्तर पर बनाए रखने का अनुमान जताया था.

Advertisement

रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) को भी 3.35 प्रतिशत के पूर्व स्तर पर रखा है.  केंद्रीय बैंक ने नीति को लेकर "उदार" रुख को बरकरार रखा है. आरबीआई ने मई से रेपो रेट यानी जिस दर पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है उसे 4 प्रतिशत पर रखा हुआ है. यह 19 साल का निम्न स्तर है. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Kolkata Rape-Murder Case: जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म, शनिवार से काम पर लौटेंगे | Breaking News