पुदुच्चेरी : कांग्रेस संकट के बीच LG के पद से हटाई गईं किरण बेदी, 10 प्वाइंट में पढ़े अब तक के अपडेट्स

Puducherry Congress Crisis : राष्ट्रपति ने मंगलवार को किरण बेदी को उप राज्यपाल के पद से हटा दिया. राष्ट्रपति की ओर से यह आदेश ऐसे समय में आया है, जब वहां सत्तारुढ़ कांग्रेस पार्टी नंबर के संकट से जूझ रही है.

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नई दिल्ली:

पुदुच्चेरी के उप राज्यपाल के पद से किरण बेदी को हटाए जाने के जाने को वहां के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने मंगलवार देर रात एनडीटीवी से बात करते हुए 'लोगों की जीत' बताई है. मंगलवार को राष्ट्रपति ने किरण बेदी को उप राज्यपाल के पद से हटा दिया. राष्ट्रपति की ओर से यह आदेश ऐसे समय में आया है, जब वहां सत्तारुढ़ कांग्रेस पार्टी नंबर के संकट से जूझ रही है. इसे भारतीय जानता पार्टी के एक कदम के तौर पर देखा जा रहा है, ताकि विपक्षी पार्टी कांग्रेस को चुनाव से पहले कमजोर किया जा सके. किरण बेदी को उप राज्यपाल के पद से हटाने का आदेश, चार कांग्रेस विधायकों के विधानसभा से इस्तीफा देने के कुछ घंटे बाद ही आया है. विधायकों के इस्तीफे के बाद सीएम नारायणसामी की सरकार अल्पमत में पहुंच गई है. हालांकि, नारायणसामी ने इससे इनकार किया है कि उनकी सरकार अल्पमत में है.

  1. मंगलवार देर रात एनडीटीवी से बात करते हुए नारायणसामी ने कहा, 'यह धर्मनिरपेक्षता की हमारी लड़ाई में जीत है. यह लोगों की जीत है. पुदुच्चेरी के लोग किरण बेदी के हटाए जाने का जश्न मना रहे हैं.' नारायणसामी और किरण बेदी के बीच काफी लंबे समय से मतभेद चल रहे थे. वे बार-बार आरोप लगाते रहे हैं कि केंद्र सरकार के निशाने पर किरण बेदी पुदुच्चेरी के विकास में रुकावट पैदा कर रही हैं.
  2. नारायणसामी ने एनडीटीवी से यह भी कहा कि भाजपा विधायकों की खरीद-फरोख्त में लगी है, और वह अन्य राज्यों में 'लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारों को गिराने' के लिए इस्तेमाल की गई रणनीति को दोहरा रही है. उन्होंने कहा, 'जनता जानती है. लोग कह रहे है कि यह विधायक और वो मंत्री खरीदा गया है.' उन्होंने भाजपा पर एक और 'ऑपरेशन लॉटस' चलाने का आरोप लगाया है.
  3. कांग्रेस के चार विधायकों ने इस्तीफा दे दिया, जबकि एन. धनावेलु को पिछले साल कथित तौर पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते अयोग्य करार दे दिया गया था. ए. नमासिव्यम और ई. थीपप्पंजन ने पिछले महीने इस्तीफा दे दिया था, दोनों ने भाजपा ज्वाइन की थी. सोमवार को मल्लादि कृष्ण राव ने और मंगलवार को जॉन कुमार ने इस्तीफा दे दिया. इसके साथ ही विधानसभा में कांग्रेस अल्पमत में पहुंच गई है.
  4. मल्लादि कृष्ण राव का इस्तीफा देने का फैसला हैरान कर देना वाला है. क्योंकि पिछले सप्ताह ही वह उप राज्यपाल पद से किरण बेदी को हटाने की अपील करने मुख्यमंत्री के साथ दिल्ली गए थे. मंगलवार रात मुख्यमंत्री ने एनडीटीवी से कहा, 'हम राष्ट्रपति से मिले थे, क्योंकि मल्लादि कृष्ण राव को किरण बेदी ने कई बार परेशान किया. उन्होंने कई बार समस्याएं पैदा करने की कोशिश की.'
  5. नारायणसामी ने दावा किया कि राव का इस्तीफा किरण बेदी के परेशान करने की वजह से हुआ है. उन्होंने कहा, 'वह व्यथित थे, क्योंकि किरण बेदी उनके प्रोजेक्ट्स रोक रही थीं. वह अभी भी मेरे साथ हैं. मुझे पूरा भरोसा है कि मैं उन्हें मना लूंगा.'
  6. थीपप्पंजन ने एनडीटीवी से बात करते हुए बताया कि राव कांग्रेस के अकेले नेता नहीं है, जो सत्तारुढ़ पार्टी छोड़कर जाने की फिराक में हैं. उन्होंने साथ ही बताया कि पार्टी के कई सदस्य उसका साथ छोड़कर जाने को तैयार हैं. हालांकि, नारायणसामी ने ऐसे आरोपों का खंडन किया है, उन्होंने इसके साथ ही भाजपा पर उनके विधायकों को पैसा देकर और झूठे वादों से बरगलाने का आरोप लगाया है. 
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  8. ए नमासिव्यम का भी भाजपा के साथ जाना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका था, पुदुच्चरी के पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी के आधार को राज्य में मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई थी. उनके साथ कई कांग्रेस कार्यकर्ता भी चले गए हैं.
  9. पुदुच्चेरी और पड़ोसी राज्य तमिलनाडु में मई महीने में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इनके साथ ही केरल, पश्चिम बंगाल और असम में भी चुनाव होने वाले है. तमिलनाडु और केरल में भाजपा को ज्यादा कुछ मिलता हुआ नजर नहीं आ रहा, लेकिन पुदुच्चेरी में कांग्रेस को कमजोर करके उन्हें बेहतर मौका दिख रहा है.
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  11. नारायणसामी ने भाजपा की ओर से किसी भी तरह के खतरे से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि पुदुच्चेरी के मतदाता अलग हैं. मतदाता केवल धर्मनिरपेक्ष पार्टियों के साथ ही हैं. वह किसी भी सांप्रदायिक तत्व का नहीं समर्थन करेंगे. जिन्होंने भी पुदुच्चेरी में भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की है, उनका राजनीतिक करियर बर्बाद हो जाएगा. 
  12. साल 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 15 सीटें जीती थी. इसके बाद कांग्रेस को डीएमके और एक निर्दलीय का समर्थन मिल गया था. AIADMK ने चार और AINRC ने सात सीटें जीती थी. इसके अलावा भाजपा के तीन मनोनित सदस्य हैं.
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