ब्रेग्जिट के चार साल बाद व्यापार पर ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के बीच हुआ समझौता

Post-Brexit Trade Deal : ब्रिटेन अब यूरोप के एकल बाजार का हिस्सा नहीं रहेगा, जिसमें एक समान कर और व्यापारिक नियम-कानून लागू होते थे. दस महीनों तक कड़ी सौदेबाजी के बाद दोनों पक्ष इस समझौते पर पहुंचे हैं. 

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लंदन:

ब्रेग्जिट के बाद व्यापार(Post-Brexit Trade Deal)  पर ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के बीच समझौता हो गया है. ब्रिटिश सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि सौदे पर मुहर लग गई है. इससे ब्रिटेन (Britain) यूरोप के एकल बाजार का हिस्सा नहीं रहेगा, जिसमें एक समान कर और व्यापारिक नियम-कानून लागू होंगे. दस महीनों तक कड़ी सौदेबाजी के बाद दोनों पक्ष इस समझौते पर पहुंचे हैं. यूरोपीय आयोग (European commission) के प्रवक्ता ने भी डील का संकेत देते हुए कहा कि जल्द ही वार्ताकार समझौते का ब्योरा देंगे. पोस्ट ब्रेग्जिट डील के बाद ड्राफ्ट के मसौदे को अंतिम रूप दिया जा रहा है. समुद्र में मछली के शिकार का मुद्दा संभवतः एकमात्र ऐसा विषय है, जिस पर अभी सहमति बनना बाकी है.

ब्रिटेन ने जून 2016 में जनमत संग्रह करके यूरोपीय संघ से अलग होने का फैसला किया था, जिसे ब्रेग्जिट नाम दिया गया था. मार्च 2017 में तत्कालीन प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने ब्रेग्जिट की अधिसूचना जारी कर इस पर आगे बढ़ने का निर्णय़ किया था. खबरों के मुताबिक, ब्रिटेन के कैबिनेट मंत्रियों ने ब्रेग्जिट के बाद व्यापारिक डील को लेकर बुधवार रात को यूरोपीय संघ के नेताओं के साथ चर्चा की. दोनों पक्षों के पास नई डील पर औपाचारिक मुहर लगाने के लिए अभी एक हफ्ते का वक्त है. इसमें ब्रिटिश सरकार और यूरोपीय संघ की सहमति जरूरी होगी. ब्रिटेन जनवरी 2020 में ही यूरोपीय संघ से अलग हो गया था, लेकिन व्यापारिक समझौते के लिए 31 दिसंबर 2020 की अंतिम समयसीमा है. अगर 31 दिसंबर तक डील पर मुहर न लगती तो वस्तुओं पर अलग-अलग टैक्स या टैरिफ लगाना पड़ता.


 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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