स्थापना दिवस: ITBP के जवान ने गाया खास गीत, देखें- वीडियो

गीत में आईटीबीपी के तैनाती स्थलों को दर्शाया गया है जिसमें हिमालय से छत्तीसगढ़ तक के इलाके शामिल हैं. 24 अक्टूबर, 1962 को आईटीबीपी का गठन भारत चीन सीमा संघर्ष के दौरान किया गया था. तब से आईटीबीपी मूलतः भारत चीन सीमा सुरक्षा के लिए तैनात रही है.बल की उच्चतम सीमा चौकी 18, 800 फीट पर स्थित है और कई सीमा चौकियों पर तापमान शून्य से 45 डिग्री तक नीचे चला जाता है.

Advertisement
Read Time: 11 mins
नई दिल्ली:

आईटीबीपी के 59 वें स्थापना दिवस पर ‘हिमाद्रि तुंग श्रृंग से...' गीत भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवान अर्जुन खेरियल ने गाया है. इस विशेष गीत के विडियो को आईटीबीपी ने आज अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर रिलीज़ किया है . हेड कांस्टेबल अर्जुन खेरियाल ने गीत को राष्ट्र और सेना को समर्पित किया। सेना ने राष्ट्र को समर्पित 58 साल पूरे किए.

इस गीत में आईटीबीपी की देश की सुरक्षा में भूमिका, अन्य ड्यूटी और मुश्किल परिस्थितियों में भी उच्च स्तरीय सेवा भावना को दर्शाया गया है. इस गीत की कुल अवधि 3 मिनट 36 सेकंड्स की है जिसे अर्जुन ने खुद प्रसिद्ध कवि जयशंकर प्रसाद की कविता ‘हिमाद्रि तुंग श्रृंग से', ‘शिव तांडव स्रोतम' और आईटीबीपी फ़ोर्स गीत से  पंक्तियों से प्रेरित होकर बनाया है.

 गीत में आईटीबीपी के तैनाती स्थलों को दर्शाया गया है जिसमें हिमालय से छत्तीसगढ़ तक के इलाके शामिल हैं.  24 अक्टूबर, 1962 को आईटीबीपी का गठन भारत चीन सीमा संघर्ष के दौरान किया गया था.  तब से आईटीबीपी मूलतः भारत चीन सीमा सुरक्षा के लिए तैनात रही है.बल की उच्चतम सीमा चौकी 18, 800 फीट पर स्थित है और कई सीमा चौकियों पर तापमान शून्य से 45 डिग्री तक नीचे चला जाता है.

इस गीत में आईटीबीपी द्वारा कोविड 19 के प्रसार के विरुद्ध देश में चलाए गए विशेष अभियानों को भी दर्शाया गया है. इसमें देश का पहला क्वारंटाइन केंद्र स्थापित करना, अपने अस्पतालों को कोविड मरीज़ों के लिए खोलना और विश्व के सबसे बड़े कोविड केयर केंद्र और अस्पताल, राधा स्वामी व्यास छतरपुर, नई दिल्ली आदि पहल शामिल हैं.

पिछले स्वतंत्रता दिवस पर आईटीबीपी ने लद्दाख में सीमा झड़पों में बहादुरी के लिए 21 जवानों के नाम बहादुरी पदक के लिए अनुशंसित किए थे, साथ ही करीब 300 जवानों को एस एस देसवाल, डी जी आईटीबीपी ने बॉर्डर पर ही जाकर उन्हें महानिदेशक प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्हों से सम्मानित किया था.

आईटीबीपी देश का अग्रणी अर्धसैनिक बल है. इस बल के जवान अपनी कडी ट्रेनिंग एवं व्यावसायिक दक्षता के लिए जाने जाते हैं तथा किसी भी हालात व चुनौती का मुकाबला करने के लिए हर समय तत्पर रहते हैं। वर्षभर हिमालय की गोद में बर्फ से ढंकी अग्रिम चौकियों पर रहकर देश की सेवा करना इनका मूल कर्तव्य है, इसलिए इनको ‘हिमवीर' के नाम भी जाना जाता है.

Advertisement

Featured Video Of The Day
Haryana Elections: BJP और Congress का Manifesto, किसका देगी जनता साथ? | NDTV Cafe
Topics mentioned in this article