फोन टैपिंग मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व अन्य को पेश होने का नोटिस

गौरतलब है कि कथित फोन टैपिंग मामले में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की शिकायत दिल्ली क्राइम ब्रांच में भी मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री के ओएसडी शर्मा भी क्राइम ब्रांच के सामने पेश हो चुके हैं.

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जयपुर:

जयपुर की एक अदालत ने कथित फोन टैपिंग मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई अन्य अधिकारियों को 16 मार्च को पेशी का नोटिस जारी किया है. अतिरिक्त सत्र न्यायालय संख्या-3 ने कथित फोन टैपिंग मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, जलदाय और भूजल विभाग मंत्री महेश जोशी व अन्य को 16 मार्च को अदालत में पेश होने का नोटिस जारी किया है. नोटिस शनिवार को जारी किया गया. इसके साथ ही अदालत ने पूर्व मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह, पूर्व पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र सिंह, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के अतिरिक्त महानिदेशक अशोक राठौड़, एसओजी थाने के थानाधिकारी रविंद्र कुमार भूरिया और मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी (ओएसडी) लोकेश शर्मा को भी नोटिस जारी किया है.

एडवोकेट ओपी सोलंकी द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका पर नोटिस जारी किया गया है. अदालत के आदेश के मुताबिक इस मामले में अगली सुनवाई 16 मार्च को है. सोलंकी ने पिछले साल जुलाई, 2020 के फोन टैपिंग मामले में राजनीतिक संकट के दौरान सरकारी रिकॉर्ड को सार्वजनिक करने के लिए देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग को लेकर निचली अदालत में याचिका दायर की थी जिसे खारिज कर दिया गया. सोलंकी ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायालय नंबर-3 की अदालत में पुनरीक्षण याचिका दायर की थी.

गौरतलब है कि कथित फोन टैपिंग मामले में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की शिकायत दिल्ली क्राइम ब्रांच में भी मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री के ओएसडी शर्मा भी क्राइम ब्रांच के सामने पेश हो चुके हैं. शर्मा ने फोन टैपिंग में संलिप्तता के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि उन्होंने तो केवल सोशल मीडिया पर उपलब्ध क्लिप को फारवर्ड किया था ताकि कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के षड्यंत्र का खुलासा हो.

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उल्लेखनीय है कि जुलाई 2020 में सचिन पायलट और कांग्रेस के कुछ अन्य विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावती तेवर अपनाए जाने के बाद कांग्रेस ने अपने विधायकों को लंबे समय तक अलग अलग होटलों में रखा था. इस दौरान विधायकों के फोन टैप किए जाने के आरोप लगे थे हालांकि अधिकारियों व सरकार की ओर से इसका लगातार खंडन किया गया. इसी दौरान शर्मा द्वारा शेयर की गई आडियो क्लिप सामने आई थीं.

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वहीं विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने इन ऑडियो क्लिप के आधार पर ही राजस्थान पुलिस के विशेष कार्यबल (एसओजी) एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में सरकार को अस्थिर करने के षड्यंत्र के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी. कांग्रेस नेताओं के आरोपों के अनुसार ऑडियो क्लिप में कथित तौर पर गजेंद्र सिंह व एक कांग्रेस नेता की बातचीत है. हालांकि एफआईआर में यह नहीं कहा गया है कि गजेंद्र सिंह केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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