दिल्ली में 50% से ज्यादा लोग हो चुके हैं कोरोना के शिकार, सीरो सर्वे से मिल रहे ऐसे संकेत

दिल्ली में औपचारिक रूप से अभी 6.33 लाख लोग ही संक्रमित पाए गए हैं लेकिन सीरो सर्वे इशारा कर रहा है कि दिल्ली की आधी आबादी यानी कुल करीब 2 करोड़ की आबादी में से एक करोड़ से ज्यादा लोग अब तक कोरोना वायरस के संपर्क में आ चुके हैं.

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नई दिल्ली:

देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) क्या कोरोना वायरस (Coronavirus) के विरुद्ध हर्ड इम्यूनिटी (Herd Immunity) के करीब पहुंच रही है? दिल्ली में कोरोना का फ़ैलाव क्या है? इसका आंकलन करने के लिए दिल्ली सरकार (Delhi Government)  समय-समय पर सीरो सर्वे करवाती है. हाल ही में दिल्ली सरकार ने दिल्ली में 5वां सीरो सर्वे करवाया है जो अब तक का सबसे बड़ा सीरो सर्वे है. सूत्रों के मुताबिक इस सर्वे के शुरूआती रुझान ये कह रहे हैं कि 'दिल्ली में एक ज़िले में 60% ऐसे लोग पाए गए जिनमें कोरोना के ख़िलाफ़ एंटीबाडी मिली हैं. यानी वो जाने-अनजाने में कोरोना से संक्रमित होकर ठीक भी हो गए, जबकि बाकी जिलों में भी 50% से ज़्यादा ऐसे लोग मिले जो कोरोना वायरस के संपर्क में आए और ठीक भी हो गए.

यानी संकेत ये हैं कि दिल्ली की आधी से ज्यादा आबादी कोरोना के संपर्क में आकर ठीक भी हो चुकी है. तो सवाल यह है कि क्या दिल्ली में कोरोना के ख़िलाफ़ हर्ड इम्युनिटी आ गई है? हर्ड इम्युनिटी का मतलब कोरोना के ख़िलाफ़ एक तरह की आंतरिक सुरक्षा से है, क्योंकि व्यक्ति के शरीर में कोरोना के ख़िलाफ़ एंटीबॉडीज बन गई हैं क्योंकि वो वायरस/बीमारी के संपर्क में आ चुका है. जानकार मानते हैं कि अगर आबादी के 60%-70% हिस्से में कोरोना के ख़िलाफ़ इस तरह की सुरक्षा आ जाये तो इसे हर्ड इम्युनिटी कहते हैं और हर्ड इम्युनिटी आने से वायरस ट्रांसलेशन की चेन टूट जाती है और उसका फैलाव कम हो जाता है.

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दिल्ली में औपचारिक रूप से अभी 6.33 लाख लोग ही संक्रमित पाए गए हैं लेकिन सीरो सर्वे इशारा कर रहा है कि दिल्ली की आधी आबादी यानी कुल करीब 2 करोड़ की आबादी में से एक करोड़ से ज्यादा लोग अब तक कोरोना वायरस के संपर्क में आ चुके हैं. आपको बता दें कि सीरो सर्वे में व्यक्ति के शरीर से खून के सैंपल लिए जाते हैं और देखा जाता है कि खून में कोरोना के ख़िलाफ़ एंटीबाडी इम्युनोग्लोब्युलिन (IgG) है या नहीं.

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दिल्ली में कराया गया यह सीरो सर्वे अब तक का सबसे बड़ा सर्वे था, जिसमें कुल 28,000 लोगों के सैंपल लिए गए. दिल्ली के हर एक म्युनिसिपल वार्ड से 100 सैंपल लिए गए. 10 जनवरी से 23 जनवरी के बीच यह सर्वे करवाया गया था. दिल्ली में पहला सीरो सर्वे जून-जुलाई में कराया गया था, जिसमें 23.4% लोगों में एंटीबॉडीज पाई गई जबकि अगस्त में 29.1% लोगों में एंटीबॉडीज मिली. इसके बाद सितंबर में 25.1% और अक्टूबर में 25.5% लोगों में एंटीबॉडी मिली थी.

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