देश में Covid-19 से मरने वाले 88 प्रतिशत लोगों की उम्र 45 या उससे ज्यादा: सरकार

COVID Updates in India: देश में कोविड-19 के कारण हो रही मौतों में से करीब 88 प्रतिशत 45 साल या उससे अधिक आयु वर्ग में हो रही हैं, ऐसे में ये लोग सबसे ज्यादा जोखिम के दायरे में हैं जिन्हें बचाने की जरूरत है.

Advertisement
Read Time: 21 mins
नयी दिल्ली:

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि देश में कोविड-19 से जान गंवाने वालों में करीब 88 प्रतिशत लोग 45 साल या उससे ज्यादा आयु वर्ग के हैं. मंत्रालय ने यह बात संबंधित आयु समूह के सभी लोगों के लिए एक अप्रैल से टीकाकरण की घोषणा करने के एक दिन बाद कही. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस आयु वर्ग में मामलों से जुड़ी मृत्युदर 2.85 प्रतिशत है. उन्होंने कहा, ‘‘देश में कोविड-19 के कारण हो रही मौतों में से करीब 88 प्रतिशत 45 साल या उससे अधिक आयु वर्ग में हो रही हैं, ऐसे में ये लोग सबसे ज्यादा जोखिम के दायरे में हैं जिन्हें बचाने की जरूरत है.''

Covid-19 के 3 तरह के न्यू वेरियंट्स पर पहली बार केंद्र सरकार ने जताई चिंता, 18 राज्य प्रभावित

भूषण ने कहा कि यही वजह है कि एक अप्रैल से इस आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण को मंजूरी दी गई है. कोरोना वायरस के नए स्वरूपों के बारे में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक एस के सिंह ने कहा कि 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से मिले 10,787 संक्रमित नमूनों में से 771 मामले वायरस के चिंताजनक स्वरूप (वीओसी) के सामने आए हैं और इनमें 736 नमूने वायरस के ब्रिटिश स्वरूप के मिले. सिंह ने कहा कि अब तक ऐसा कोई संबंध नहीं मिला है जिससे यह स्थापित हो कि कुछ राज्यों में संक्रमण के मामलों में हुई बढ़ोतरी सिर्फ इन स्वरूपों से सीधे तौर पर संबंधित है. उन्होंने कहा कि बढ़ोतरी के पीछे विभिन्न कारण हैं.

सिंह ने कहा कि जिन राज्यों में जोखिम के दायरे वाले लोगों की बड़ी आबादी है, वहां मामलों के बढ़ने की आशंका ज्यादा है. जब भी जोखिम के ज्यादा दायरे में आने वाले लोग सतर्कता में कमी करेंगे और कोविड अनुकूल आचरण नहीं अपनाएंगे तो उनके संक्रमित होने की आशंका ज्यादा रहेगी, फिर चाहे वह सामान्य विषाणु हो या उसका कोई स्वरूप. उन्होंने स्पष्ट किया कि विषाणु के केवल तीन ही चिंताजनक स्वरूप (वीओसी) हैं जो ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में मिले. इसके अलावा महाराष्ट्र और दिल्ली समेत कुछ राज्यों में दोहरे उत्परिवर्तन वाला अन्य स्वरूप भी मिला है जिसका आगे विश्लेषण और जांच किए जाने की आवश्यकता है.

Advertisement

महाराष्ट्र में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक मामले सामने आए

भूषण ने कहा कि मोटे तौर पर कोविड-19 के करीब तीन प्रतिशत उपचाराधीन मरीज हैं और ये मामले मुख्य तौर पर 10 जिलों में केंद्रित हैं जिनमें से नौ महाराष्ट्र में हैं और एक कर्नाटक में. उन्होंने कहा, ‘‘दो राज्यों को लेकर चिंता ज्यादा है जहां संक्रमण में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. पहला महाराष्ट्र है... सबसे ज्यादा संक्रमण वाले पांच जिले पुणे, नागपुर, मुंबई, ठाणे और नासिक हैं.''भूषण ने कहा कि महाराष्ट्र के अलावा पंजाब को लेकर भी काफी चिंता है क्योंकि उसकी आबादी को देखते हुए वहां काफी संख्या में मामले सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब में जालंधर, एसएएस नगर, लुधियाना, पटियाला और होशियारपुर में काफी संख्या में संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं.

Advertisement

भूषण ने कहा, ‘‘हमने मामलों में वृद्धि से निपटने संबंधी रणनीति पर चर्चा के लिए महाराष्ट्र और पंजाब के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी.'' उन्होंने कहा कि कुछ अन्य राज्य भी हैं जिन्हें लेकर चिंता है. इनमें गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और चंडीगढ़ शामिल हैं. भूषण ने टीकाकरण के बारे में कहा कि बुधवार सुबह दस बजे तक कोविड रोधी टीके की 5,08,41,286 खुराक दी जा चुकी हैं.

Advertisement

Video : कोरोना वायरस: क्या है डबल म्यूटेशन? विस्तार से जानिए

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Mumbai: Chembur के एक घर में लगी आग, परिवार के 7 लोगों की मौत | Chembur Fire News