छत्तीसगढ़ : उपचुनाव में बीजेपी को समर्थन देने के फैसले को लेकर जोगी की पार्टी में कलह

रविवार को गौरेला में संवाददाता सम्मेलन कर पार्टी के खैरागढ़ क्षेत्र के विधायक देवव्रत सिंह और बलौदाबाजार क्षेत्र के विधायक प्रमोद शर्मा ने अपनी नाराजगी जाहिर कर दी.

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रायपुर:

छत्तीसगढ़ में मरवाही विधानसभा सीट पर मंगलवार को मतदान के पहले दिवंगत मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी को अंदरूनी कलह का सामना करना पड़ रहा है. पार्टी के दो विधायकों ने भाजपा को समर्थन देने के फैसले का विरोध किया है. अजीत जोगी के निधन के बाद रिक्त अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित मरवाही विधानसभा सीट पर मंगलवार को मतदान होगा. राज्य के गौरेला—पेंड्रा—मरवाही जिले में स्थित मरवाही सीट पर हो रहे उपचुनाव में जोगी परिवार और उनकी पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जाति प्रमाण पत्र मामले को लेकर पार्टी के अध्यक्ष अमित जोगी और उनकी पत्नी ऋचा जोगी का नामांकन रद्द होने के बाद उनकी पार्टी ने भाजपा के उम्मीदवार डॉक्टर गंभीर सिंह को समर्थन देने का फैसला किया था. लेकिन, अब पार्टी के दो विधायकों ने बागी तेवर अपनाते हुए इस फैसले का विरोध कर दिया है.

रविवार को गौरेला में संवाददाता सम्मेलन कर पार्टी के खैरागढ़ क्षेत्र के विधायक देवव्रत सिंह और बलौदाबाजार क्षेत्र के विधायक प्रमोद शर्मा ने अपनी नाराजगी जाहिर कर दी. देवव्रत सिंह ने बातचीत के दौरान कहा,‘‘ हम (सिंह और शर्मा) दोनों को लगता है कि जोगी जी के निधन के बाद पार्टी में बने रहने के लिए कोई कारण नहीं है. इस पार्टी में हमारे लिए कोई भविष्य या राजनीतिक संभावना नहीं है. वहीं अन्य कार्यकर्ता भी अब पार्टी छोड़कर जा रहे हैं.''

मरवाही उपचुनाव में भाजपा को समर्थन देने के फैसले को लेकर सिंह ने कहा कि यह एक बहुत ही हास्यास्पद फैसला है. अजीत जोगी ने पार्टी में एक कोर कमेटी बनाई थी. उनकी मृत्यु के बाद इस कमेटी की कोई बैठक नहीं हुई है. इस तरह का कोई भी निर्णय कोर कमेटी में ही होना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि अमित जोगी ने भाजपा को समर्थन देने का फैसला सर्वसम्मति से नहीं लिया इसलिए हम इसके विरोध में हैं. अजीत जोगी जी ने आजीवन भाजपा का विरोध किया था. पार्टी के दो विधायक सिंह और शर्मा द्वारा कांग्रेस को समर्थन देने के फैसले को लेकर अमित जोगी ने कहा कि सत्ता के लालच में दोनों नेता दिवंगत जोगी का अपमान कर रहे हैं.

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वहीं पार्टी के विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह ने कहा है कि दोनों विधायक पार्टी छोड़ने और कांग्रेस में शामिल होने के लिए स्वतंत्र हैं. कांकेर जिले के अंतागढ़ विधानसभा सीट में हुए उपचुनाव (वर्ष 2014) के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी के नाम वापस लेने के मामले को लेकर कांग्रेस ने जोगी के बेटे अमित जोगी को पार्टी से निकाल दिया था. इसके बाद वर्ष 2016 में जोगी ने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के नाम से नई पार्टी का गठन कर लिया था.

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वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में जोगी की पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन कर चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में जोगी की पार्टी को पांच सीटों पर तथा बसपा को दो सीटों पर जीत मिली थी. जबकि कांग्रेस ने 68 सीटों पर तथा भाजपा ने 15 सीटों पर जीत हासिल की थी. इस वर्ष 29 मई को अजीत जोगी की मृत्यु के बाद से रिक्त मरवाही विधानसभा सीट के लिए तीन नवंबर को मतदान है.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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