महबूबा मुफ्ती के खिलाफ हो देशद्रोह की कार्रवाई, रिहाई के बाद पहले ही भाषण पर BJP को आपत्ति

महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा था कि उनकी पार्टी पिछले साल अगस्त में केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए गए विशेष राज्य के दर्जे को फिर से पाने के लिए कोई भी संवैधानिक लड़ाई लड़ना नहीं छोड़ेगी.

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श्रीनगर:

14 महीने की नजरबंदी से रिहा होने के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ( Peoples' Democratic Party) की चीफ महबूबा मुफ्ती (Mehooba Mufti) ने शुक्रवार को पहली प्रेस कॉन्फ्रेन्स आयोजित की थी. इसमें उन्होंने कहा, "हम राष्ट्रीय ध्वज को तभी उठाएंगे, जब हमारे राज्य के ध्वज को वापस लाया जाएगा. राष्ट्रीय ध्वज केवल इस (जम्मू और कश्मीर) ध्वज और संविधान वजह से है. हम इसी ध्वज के कारण देश के बाकी हिस्सों से जुड़े हुए हैं." भाजपा ने उनके इस बयान को देशद्रोह बताया है और मांग की है कि महबूबा के खिलाफ देशद्रोह के आरोप में कार्रवाई की जाय. कांग्रेस ने भी उनके इस बयान की आलोचना की है.

पीडीपी अध्यक्ष के बयान पर हमला बोलते हुए जम्मू-कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रविन्दर राणा ने कहा, "मैं लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा जी से अनुरोध करूंगा कि वो इस देशद्रोही टिप्पणी का संज्ञान लें और महबूबा पर देशद्रोह के तहत मुकदमा दर्ज किया जाय और उन्हें सलाखों के पीछे भेजा जाय."

उन्होंने पीटीआई भाषा से कहा, "हम अपने ध्वज, देश और मातृभूमि के लिए खून की हर बूंद का बलिदान कर देंगे. जम्मू और कश्मीर हमारे देश का एक अभिन्न अंग है, इसलिए केवल एक ध्वज ही फहराया जा सकता है... और वह है राष्ट्रीय ध्वज."

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पिछले साल जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के केंद्र सरकार के कदम पर, उन्होंने कहा कि अब कोई भी सरकार इसे पलटने का फैसला नहीं कर सकती. उन्होंने कहा, "मैं महबूबा मुफ़्ती जैसे नेताओं को चेतावनी देता हूं कि वे कश्मीर के लोगों को भड़काने की कोशिश न करें. हम किसी को भी शांति, सामान्यता और भाईचारे को बिगाड़ने की अनुमति नहीं देंगे. अगर कुछ भी गलत होता है, तो उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे."

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बता दें कि शुक्रवार को महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा था कि उनकी पार्टी पिछले साल अगस्त में केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए गए विशेष राज्य के दर्जे को फिर से पाने के लिए कोई भी संवैधानिक लड़ाई लड़ना नहीं छोड़ेगी. महबूबा ने केंद्र पर हमलावर अंदाज में कहा, "एक डाकू पराक्रमी हो सकता है लेकिन उसे चोरी का सामान वापस करना होगा. उन लोगों ने संविधान को ध्वस्त कर दिया... संसद के पास ये शक्ति नहीं कि वो विशेष दर्जा छीन सके." महबूबा ने कहा कि जो लोग ये सोच रहे हैं कि हम कश्मीर को छोड़ देंगे वो बड़ी गलती कर रहे हैं.

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