बीजेपी को तीन दिन में तीसरा झटका, 15 साल विधायक रहे रामेश्वर चौरसिया लोजपा में शामिल

चौरसिया नोखा विधान सभा सीट से लगातार चार बार साल 2000, 2005 (फरवरी और नवंबर) और 2010 में जीत चुके हैं.

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नई दिल्ली:

बिहार विधान सभा चुनावों (Bihar Assembly Election) में पहले चरण का नामांकन खत्म होने से पहले बीजेपी को तीसरा झटका लगा है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और सासाराम की नोखा विधान सभा सीट से तीन-तीन बार विधायक रहे रामेश्वर चौरसिया ने चिराग पासवान की पार्टी लोजपा का दामन थाम लिया है. चौरसिया से पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पार्टी उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह और पूर्व विधायक उषा विद्यार्थी भी लोजपा में शामिल हो चुकी हैं.

चौरसिया पार्टी के उत्तर प्रदेश के प्रभारी और प्रवक्ता भी रह चुके थे. उनके जाने से बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. चौरसिया नोखा विधान सभा सीट से लगातार चार बार साल 2000, 2005 (फरवरी और नवंबर) और 2010 में जीत चुके हैं.  साल 2015 में राजद की अनीता देवी से वो हार गए थे. इस बार ये सीट जेडीयू के खाते में चली गई है. जेडीयू ने वहां से नागेंद्र चंद्रवंशी को टिकट दिया है.

चौरसिया नीतीश के विरोधी नेता माने जाते रहे हैं. माना जाता है कि इस वजह से उन्हें इस सीट से हाथ धोना पड़ा है. अब वो लोजपा उम्मीदवार के तौर पर नोखा से जेडीयू उम्मीदवार के खिलाफ लड़ेंगे.

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राजेंद्र सिंह को भी उम्मीद थी की पार्टी उन्हें दिनारा विधान सभा सीट से टिकट देगी लेकिन उस सीट से नीतीश सरकार में मंत्री जय कुमार सिंह को फिर से जेडीयू ने टिकट दिया है. इससे नाराज होकर वो लोजपा में शामिल हो गए. उषा विद्यार्थी को भी उम्मीद थी कि उन्हें पालीगंज से टिकट मिलेगा लेकिन ये सीट भी जेडीयू के खाते में चली गई. बता दें कि चिराग पासवान ने जेडीयू के खिलाफ सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है.

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