मोकामा सीट : जहां 30 साल से बाहुबली लिख रहे हैं जीत की कहानी, चार बार से अनंत सिंह हैं MLA

मोकामा विधान सभा इलाका भूमिहार और यादव बहुल क्षेत्र है. इनके अलावा यहां धानुक, कोयरी, कुर्मी और मुस्लिम वोटरों की भी अच्छी तादाद है. अनंत सिंह भूमिहार जाति से आते हैं.

Advertisement
Read Time: 25 mins
नई दिल्ली:

Bihar Assembly Election 2020: बिहार का मोकामा विधान सभा सीट (Mokama Assembly Seat) वैसे तो पटना जिला में पड़ता है लेकिन सियासी नक्शे में यह मुंगेर लोकसभा क्षेत्र के तहत आता है. लंबे यमय से यह राज्य की चर्चित सीट रही है. इसकी भौगोलिक बनावट ऐसी है कि यहां दशकों से सत्ता के शीर्ष पर बाहुबली राज करते आए हैं. एक तरफ गंगा नदी और दूसरी तरफ किउल नदी और बीच में टाल का इलाका, जहां दूर-दूर तक खेत ही खेत नजर आता है. साल के चार महीने पानी ही पानी रहने वाले इस इलाके में दलहन की खूब पैदावार होती है. यह इलाका दाल का कटोरा कहलाता है. फिलहाल यहां से बाहुबली अनंत सिंह विधायक हैं. इस बार अनंत सिंह (Anant Singh) राजद के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं.

डेढ़ दशक तक रहा जेडीयू का कब्जा, नीतीश के खास थे अनंत सिंह
इलाके में छोटे सरकार नाम से मशहूर अनंत सिंह की अनंत कथाएं हैं. इलाके में बाहुबली से लेकर रॉबिनहुड तक की छवि है. साल 2005 से लेकर 2010 तक अनंत सिंह ने जेडीयू के टिकट पर तीन चुनाव जीते. साल 2015 में नीतीश से अनबन के बाद निर्दलीय चुनाव जीते. उन्होंने तब जेडीयू के नीरज सिंह को 18,000 वोटों के अंतर से हराया. तब जेडीयू के नीरज सिंह को राजद का भी समर्थन हासिल था. 2015 में अनंत सिंह के खिलाफ राजद ने मोर्चा खोल रखा था लेकिन 2020 में अब राजद के टिकट पर ही अनंत सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. अवैध हथियार रखने के आरोप में वो जेल में हैं लेकिन पैरोल पर अक्सर बाहर आते-जाते रहते हैं.

डेढ़ दशक से लालू परिवार का गढ़ है राघोपुर विधानसभा सीट, तेजस्वी दूसरी बार किस्मत आज़माने को बेकरार

Advertisement

भूमिहार-यादव बहुल है मोकामा सीट
मोकामा विधान सभा इलाका भूमिहार और यादव बहुल क्षेत्र है. इनके अलावा यहां धानुक, कोयरी, कुर्मी और मुस्लिम वोटरों की भी अच्छी तादाद है. अनंत सिंह भूमिहार जाति से आते हैं. पिछले कई दशकों से यहां इसी जाति के उम्मीदवार जीतते रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक इलाके में 40 से 50 फीसदी वोटर इसी जाति के हैं. दूसरे नंबर पर यादवों का वोट बैंक है. राजद से उम्मीदवार होने की वजह से माना जा रहा है कि अनंत सिंह को भूमिहार के साथ-साथ यादवों और मुसलमानों का भी वोट मिलेगा. इस सीट पर करीब पौने तीन लाख मतदाता हैं.

Advertisement

तीन दशक से जीत रहे बाहुबली
मोकामा की भौगोलिक बनावट की वजह से यहां धन और बल का बोलबाला रहा है. यही वजह है कि यहां पिछले तीन दशक से यानी 30 वर्षों से बाहुबली ही विधायक चुने जाते रहे हैं. साल 1990 में अनंत सिंह के भाई दिलीप कुमार सिंह जनता दल के टिकट पर चुने गए थे. 1995 में भी दिलीप सिंह ने ही बाजी मारी लेकिन साल 2000 में दूसरे बाहुबली सूरजभान सिंह यहां से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर विजयी हुए और विधानसभा पहुंचे. इन दोनों परिवारों के बीच अदावत का इतिहास भी पुराना रहा है. 2005 के विधान सभा चुनाव में अनंत सिंह ने जेडीयू के टिकट पर जीत हासिल की. उसी साल हुए उपचुनाव में फिर से अनंत सिंह विजयी हुए. साल 2010 में भी अनंत सिंह जेडीयू के टिकट पर जीत गए. 2015 में अनंत सिंह चौथी बार निर्दलीय जीतने में कामयाब रहे.

Advertisement

बिहार चुनाव: लालू-नीतीश का एका भी बाल बांका न कर सका, 25 साल से पटना साहिब से MLA हैं नंदकिशोर यादव

Advertisement

ऐसा रहा है सियासी इतिहास
मोकामा विधानसभा सीट का गठन 1951 में हुआ था. तभी से यह सामान्य सीट है. पहली बार यहां से कांग्रेस के जगदीश नारायण सिंह जीते थे. दूसरी बार भी वो जीते लेकिन तीसरे चुनाव 1962 में निर्दलीय सूर्यनंदन सिंह जीतने में कामयाब रहे. 1967 में यहां रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के बी लाल जीते. 1969 में फिर से कांग्रेस ने इस सीट पर कब्जा जमाया और कामेश्वर सिंह विधायक बने. 1972 और 1977 में कांग्रेस से ही कृष्णा शाही ने जीत हासिल की. 1980 और 1985 में कांग्रेस के श्याम सुंदर सिंह धीरज जीते लेकिन 1990 से यहां की तस्वीर बदल गई. विधानसभा सीट संख्या 178 मोकामा में पहले चरण में 28 अक्टूबर को वोटिंग होनी है. 10 नवंबर को नतीजे आएंगे.

वीडियो: बिहार बीजेपी के नेताओं ने क्यों एक दर्जन बार कहा कि नीतीश ही होंगे मुख्यमंत्री?

Featured Video Of The Day
NDTV Yuva Conclave | Dark Comedy से खुलता है दिमाग: Comedian Gaurav Gupta | NDTV India
Topics mentioned in this article