बिना नर्सों के ऐसे काम कर रहा है AIIMS, नर्स संघ की हड़ताल से मरीज़ों की बढ़ी परेशानी

एम्स का नर्स संघ अपनी मांगों को लेकर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चला गया, एम्स के निदेशक ने उनसे आंदोलन वापस लेने और काम पर लौटने की अपील की है.

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नई दिल्ली:

कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के दौरान एम्स (AIIMS) का नर्स संघ अपनी मांगों को लेकर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चला गया, जबकि एम्स के निदेशक ने नर्सों से आंदोलन वापस लेने और काम पर लौटने की अपील की है. नर्सों के हड़ताल पर जाने के बाद एम्स ने कामकाज को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए उपाय किए हैं. आइए जानते हैं कि बिना नर्स के कैसे काम चल रहा है. एम्स ने रेज़िडेंट डॉक्टरों के काम के घंटे बढ़ा दिए हैं. साथ ही  मरीज़ों के परिवार वालों को मरीज़ों के साथ रहकर मदद करने के लिए के लिए कहा गया है. 

एम्स ने रिसर्च प्रोजेक्ट में लगे कर्मचारियों (Research project staff) और टेक्नीशियन को तैनात किया है. यही नहीं आख़िरी साल के नर्सिंग स्टू़डेंट्स से भी मदद ली जा रही है और उन्हें ड्यूटी पर बुलाया गया है. जिन मरीज़ों की प्लान्ड सर्जरी (Planned surgery) है, उनको कुछ समय के लिए डिस्चार्ज कर दिया गया है. इमरजेंसी सेवाओं का समय कम कर दिया गया है. कोविड वार्ड में Contract पर नर्सों को बुलाया गया है.

समाचार एजेंसी भाषा की खबर के मुताबिक, करीब पांच हजार नर्स सोमवार दोपहर से हड़ताल पर हैं, जिससे एम्स अस्पताल में रोगी देखभाल सेवाएं बाधित हुईं. उनकी मांगों में छठे केंद्रीय वेतन आयोग की अनुशंसा को लागू करना और अनुबंध पर भर्ती खत्म करना भी शामिल है. हड़ताल पहले 16 दिसंबर से शुरू होनी थी.

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वहीं एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने एक वीडियो संदेश में महामारी के समय में हड़ताल को ‘‘अनुपयुक्त एवं दुर्भाग्यपूर्ण'' करार दिया. उन्होंने एक भावुक संदेश में कहा, ‘‘मैं सभी नर्सों और नर्सिंग अधिकारियों से अपील करता हूं कि वे हड़ताल पर नहीं जाएं और जहां तक नर्सों की बात है उनके संदर्भ में हमारी गरिमा को शर्मिंदा नहीं करें.'' उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैं आप सभी से अपील करता हूं कि वापस आएं और काम करें और इस महामारी से निपटने में हमारा सहयोग करें.'' 

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गुलेरिया ने कहा कि नर्स संघ ने 23 मांगें रखी थीं और एम्स प्रशासन तथा सरकार ने उनमें से लगभग सभी मांगें मान ली हैं. उन्होंने कहा कि एक मांग मूल रूप से छठे वेतन आयोग के मुताबिक शुरुआती वेतन तय करने की असंगतता से जुड़ी हुई है. एम्स निदेशक ने कहा कि नर्स संघ के साथ कई बैठकें न केवल एम्स प्रशासन की हुई हैं बल्कि स्वास्थ्य मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार, व्यय विभाग के प्रतिनिधियों के साथ भी हुई हैं और जिस व्यक्ति ने छठे सीपीसी का मसौदा तैयार किया वह भी बैठक में मौजूद थे. 

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छठे सीपीसी की मांग के अलावा नर्स भर्ती में लैंगिक आरक्षण को खत्म करने और अनुबंध पर नियुक्तियां बंद करने आदि की भी मांग कर रहे हैं. निदेशक को लिखे पत्र में संघ ने कहा कि एम्स प्रशासन ने ठोस उपाय नहीं किए और छठे केंद्रीय वेतन आयोग से जुड़ी उनकी मांगों को खारिज कर दिया गया.

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(भाषा के इनपुट के साथ)

वीडियो: दिल्ली AIIMS के वार्ड में मरीजों को अकेला छोड़ हड़ताल पर गया नर्सिंग स्टाफ

 

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