World Lung Health Day 2021: फेफड़ों से जुड़ी 5 कॉमन बीमारियां, जानें कारण, लक्षण और बचाव

World Lung Day 2021: लंग्स की बीमारियों से जुड़े वॉर्निंग साइन अगर वक्त रहते पहचान लिए जाएं तो बड़ी बीमारी को होने से पहले ही टाला जा सकता है. फेफड़ों से जुड़ी कई कॉमन बीमारियां हैं जो आगे चलकर बड़ा रूप ले लेती हैं.

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कोई भी बीमारी जब तक नासूर ना बन जाए तब तक उसकी सीरियसनेस नहीं समझ में आती. हमारे फेफड़ों की स्वास्थ्य पर भी ये लाइनें एकदम सटीक बैठती हैं. लंग्स की बीमारियों से जुड़े वार्निंग साइन अगर वक्त रहते पहचान लिए जाएं तो बड़ी बीमारी को होने से पहले ही टाला जा सकता है. फेफड़ों से जुड़ी कई कॉमन बीमारियां हैं जो आगे चलकर बड़ा रूप ले लेती हैं. फेफड़ों की कॉमन बीमारियों के बारे में बात करें तो अस्थमा, सिस्टिक फाइब्रोसिस, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज और लंग कैंसर है. जब लंग्स बीमारी की चपेट में आ जाते हैं, तो ये कार्बन डाई ऑक्साइड निकालने और पर्याप्त ऑक्सीजन लेने का काम ठीक से नहीं कर पाते. सांस फूलना, सांस लेने में दिक्कत होना, ज्यादा कफ बनना, घबराहट होना जैसे कई शुरुआती लक्षण इन बीमारियों के नज़र आते हैं. अगर समय रहते इन लक्षणों को पहचान कर इलाज शुरू कर दिया जाए तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है.

जानें फेफड़ों से जुड़ी कॉमन बीमारियों के बारे में, ये हैं लक्षण और बचाव

फेफड़ों में होने वाली 5 कॉमन बीमारियां

1. अस्थमा

2.क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD)

3.एक्यूट ब्रोंकाइटिस

4. लंग इन्फेक्शन

5. लंग कैंसर

फेफड़ों की बीमारी के कारण

दुनिया भर में सांस की बीमारियों की सबसे बड़ी वजह स्मोकिंग है. इसलिए अगर आप फेफड़े की बीमारी से बचना चाहते हैं तो स्मोकिंग से दूर रहें. इसके अलावा जिस तरह तेजी से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है, वो भी लंग्स खराब करने का एक बड़ा कारण बनता जा रहा है. . फेफड़े की बीमारियों में अस्थमा एक कॉमन बीमारी है जो कई बार ज्यादा ठंडी चीजें खाने से बढ़ता है, ऐसे में ये सलाह दी जाती है कि ज्यादा ठंडा खाद्य पदार्थ या ड्रिंक्स ना लें.

फेफड़ो की बीमारों के लक्षण 

फेफड़ों से जुड़ी किसी भी बीमारी के शुरुआती लक्षण समझ में नहीं आते. वक्त बीतने और बीमारी बढ़ने के साथ ये लक्षण उभर कर सामने आते हैं. इन लक्षणों से आप बीमारी का इंडिकेशन समझ सकते हैं.

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  • सांस लेने में दिक्कत होना
  • चेस्ट पेन
  • ज्यादा खांसी होना
  • घरघराहट होना
  • स्किन, होंठ, या नाखूनों पर नीले रंग का निशान होना
  • ज्यादा तेजी से साँस लेना
  • थकान महसूस होना
  • जरूरत से ज्यादा चिंता करना
  • कन्फ्यूज़ रहना
  • डेली हेडेक होना

फेफड़ो की बीमारी से बचाव

  • स्मोकिंग करने से बचें
  •  पैसिव स्मोकिंग से भी बचें (किसी अन्य व्यक्ति की सिगरेट का धुंआ भी घातक है)
  • आउटडोर पॉल्यूशन से खुद को बचाएं
  • फेस मास्क का इस्तेमाल करें
  • वजन कम करें और रोज़ाना एक्सरसाइज करें
  • प्राणायाम और ब्रीदिंग एक्सरसाइस करें
  • जंक फूड से परहेज करें
  • हेल्थी और न्यूट्रिएंट्स से भरपूर भोजन करें

अस्वीकरण: इस लेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी विचार हैं. एनडीटीवी इस लेख की किसी भी जानकारी की सटीकता, पूर्णता, उपयुक्तता या वैधता के लिए जिम्मेदार नहीं है. सभी जानकारी यथास्थिति के आधार पर प्रदान की जाती है. लेख में दी गई जानकारी, तथ्य या राय एनडीटीवी के विचारों को नहीं दर्शाती है और एनडीटीवी इसके लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व नहीं लेता है.

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