हिमाचल भी हिला: ब्यास घाटी में भारी नुकसान, मिटा सड़कों का नामोनिशान, कुल्लू से मनाली का संपर्क कटा

मौसम विभाग ने आज के लिए मंडी और शिमला जिला के कुछ स्थानों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जबकि दूसरे जिलों में भी हलकी और मध्यम बारिश होने की आशंका है.

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  • हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की बरसात से अब तक 310 लोगों की मौत हो चुकी है
  • कुल्लू, मनाली में ब्यास नदी के उफान से 28 से ज्यादा घर, दुकानें और रेस्टोरेंट नाले में बहे
  • प्रदेश में 677 सड़कें बंद हैं, जिसमें 3 राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं, जिससे आवाजाही ठप
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शिमला:

हिमाचल प्रदेश में मॉनसून के मौसम में कुदरत का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. इस बार कुल्लू और मनाली में बड़ा नुकसान हुआ है, स्थानीय लोग सहमे हुए हैं. पिछले 24 घंटों में प्रदेश में बरसात के चलते 7 और लोगों की जान चली गई है. बिलासपुर में एक, कांगड़ा में एक, किन्नौर में दो और सोलन में तीन मौतें दर्ज की गई हैं. हिमाचल प्रदेश में मानूसन बरसात 20 जून से अब तक मौतों का कुल आंकड़ा 310 तक पहुंच गया है. मौसम विभाग ने आज के लिए मंडी और शिमला जिला के कुछ स्थानों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जबकि दूसरे जिलों में भी हलकी और मध्यम बारिश होने की आशंका है.

677 सड़कें बंद, नालों में समाए घर, दुकान

फिलहाल प्रदेश में 3 एनएच सहित कुल 677 सडक़ों पर आवाजाही पूरी तरह से बाधित है. जानकारी के अनुसार सोमवार रात से मची तबाही के कारण कुल्लू व मनाली में 28 से ज्यादा घर, दुकानें और रेस्टोरेंट ब्यास नदी व दूसरे नालों में समा गए. 40 से अधिक घरों पर अभी भी खतरा मंडरा रहा है. कुल्लू के अखाड़ा बाजार में दो घर, ओल्ड मनाली में छह ढाबे व तीन घर, रामशीला में तीन मकान, बाहंग में दो रेस्टोरेंट और चार दुकानें पानी में बह गए हैं. कुल्लू में ब्यास का पानी डोहलू टोल प्लाजा तक पहुंच गया. कुल्लू और मनाली के बीच सडक़ जगह-जगह ब्यास नदी में समा गई है.

ब्यास घाटी में भारी बारिश और बाढ़ के चलते हालात बेहद खराब हो चुके हैं. कई इलाकों में सड़कों का नामोनिशान मिट चुका है, जिससे आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है. कुल्लू और मनाली के बीच संपर्क पूरी तरह से कट गया है, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. नदी के उफान और भूस्खलन ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है.

मनाली में ब्रिज बहा, नदी में समाया रास्ता

इससे मनाली का कुल्लू जिला मुख्यालय से पूरी तरह संपर्क कट चुका है. मनाली में बेली ब्रिज के साथ लेफ्ट बैंक ब्रिज बह गया और ओल्ड मनाली को जोडऩे वाला पुल भी बह गया है. ब्यास के तेज बहाव से ग्रीन टैक्स बैरियर के पास सडक़ बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई है, जबकि बिंदु ढांक के पास मनाली-लेह मार्ग का एक हिस्सा नदी में समा गया. कुल्लू की तरह मंडी में भी ब्यास नदी भारी नुकसान कर रही है. ब्यास का पानी पंचवक्त्र मंदिर के प्रांगण तक पहुंच गया. यहां पर भयूली कॉलोनी से लगभग 40 लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया है.

ब्यास के उफान से सहम गए लोग

मंडी के बालीचौकी में सोमवार देर रात जमीन धंसने के बाद दो बिल्डिंग गिर गईं.  इन बिल्डिंगों में 40 से ज्यादा दुकानें चल रही थीं. हादसे की आशंका को देखते हुए दोनों बिल्डिंगों को पांच दिन पहले ही खाली करवा लिया गया था. मंडी में दवाड़ा पुल भी नदी में समा चुका है. मंडी में डैहर पावर हाउस की टरबाइन सिल्ट ने रोक दी है और 990 मेगावाट का यह पावर प्रोजेक्ट बंद हो गया है. इसके साथ ही सिल्ट ने पंडोह-बग्गी टनल को भी जाम कर दिया है. पंडोह डैम में ज्यादा पानी आने के बाद पांचों गेट एक साथ खोल दिए गए हैं. इसके चलते ब्यास उफान पर आ गई है.

किस रास्ते पर आवाजाही बंद

तेज बारिश के कारण ब्यास की सहायक नदियां तीर्थन, लारजी, ऊहल, पार्वती और सैंज भी उफान पर चल रही हैं. ब्यास का रौद्र रूप देखकर मंडी प्रशासन अलर्ट हो गया है.  उधर, चंबा जिला में सडक़ सेवाएं पूरी तरह से ठप पड़ी हुई हैं. मंगलवार को जिला मुख्यालय में मोबाइल व इंटरनेट सेवाएं बंद रहने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. सिहुंता-चुवाड़ी, लाहुल-चुवाड़ी के अलावा जोत मार्ग तथा बनीखेत-चंबा और चंबा-तीसा मार्ग भी बंद पड़े हुए हैं. रास्ते बंद होने से मणिमहेश यात्री जगह-जगह फंसे हुए हैं. उधर, लाहुल-स्पीति की चंद्रताल में बर्फबारी का समाचार है. शिंकुला दर्रे पर भी हिमपात का क्रम जारी है.

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ट्रांसफॉर्मर और पानी सप्लाई ठप

हिमाचल प्रदेश की 677 सडक़ें यातायात के लिए पूरी तरह से बंद हो चुकी हैं.  इनके साथ नेशनल हाइवे नंबर 03, 05 और 305 भी बंद हैं. राज्य में 1413 बिजली ट्रांसफॉर्मर बंद हो चुके हैं, वहीं 420 पेयजल योजनाएं बाधित हैं. राज्य में बरसात के चलते नुकसान का आंकड़ा 2454 करोड़ तक पहुंच गया है. इसके साथ ही प्रदेश में बरसात से होने वाली कुल मौतों का आंकड़ा 310 तक पहुंच गया है. इनमें से बिलासपुर में 15, चंबा में 36, हमीरपुर में 16, कांगड़ा में 49, किन्नौर में 28, कुल्लू में 26, लाहुल-स्पीति में आठ, मंडी में 51, शिमला में 28, सिरमौर में 14, सोलन में 21 व ऊना में 18 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें सडक़ हादसों के शिकार लोग भी शामिल हैं.

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