Navratri Prasad For Nine Days 2021: आज से नवरात्रि पर्व की शुरूआत हो गई है. नवरात्रि हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है. जिसे दुर्गा पूजा के नाम से भी जाना जाता है. नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा की जाती है. आमतौर पर नवरात्रि पर लोग पूरे नौ दिन का व्रत रखते हैं. और मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना करते हैं. माना जाता है कि देवी दुर्गा ने अलग-अलग अवतार लेकर राक्षसों का अंत किया था. और भक्त उन्हें इन्हीं रूपों में पूजते हैं. नवरात्रि के नौ दिनों को बहुत ही शुभ माना जाता है. व्रत के दौरान नौ दिनों तक लोग मांस, अनाज, शराब, प्याज और लहसुन भी नहीं खाते. नवरात्र के दौरान बहुत से भक्त उपवास रखते हैं. नवरात्रि के पर्व में नियम, अनुशासन और मुहूर्त का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसा माना जाता है कि नियमों का पालन और विधि पूर्वक पूजा करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है. मां दुर्गा को शक्ति का रूप माना गया है. माना जाता है कि नवरात्रि में पहले दिन से लेकर, अंतिम दिन तक मां भगवती को उनका मनपसंद भोग, चढ़ाने से मां अपने भक्तों पर खास कृपा बरसाती हैं. तो आइए जानते हैं मां दुर्गा को किस दिन कौन सा भोग लगाना चाहिए.
1. नवरात्रि का पहला दिन, मां शैलपुत्रीः
नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा की शैलपुत्री के रूप में पूजा की जाती है. मां शैलपुत्री को गाय का घी अथवा उससे बने पदार्थों का भोग लगाया जाता है. माना जाता है कि मां दुर्गा को गाय के घी से बनी चीजों से अधिक लगाव है इससे खुश होकर माता अपने भक्तों पर खास कृपा करती है. रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें.
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नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा की शैलपुत्री के रूप में पूजा की जाती है.
2. नवरात्रि का दूसरा दिन, मां ब्रह्मचारिणीः
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर या शक्कर से बनी चीजों का भोग चढ़ाया जाता है. माना जाता है, कि जो भक्त मां के इस रूप की पूजा करते हैं उनपर मां की अपार महिमा बनी रहती है. रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें.
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है.
3. नवरात्रि का तीसरा दिन, मां चंद्रघंटाः
नवरात्रि के तिसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. मां के इस रूप में मस्तक पर घंटे के आकार का आधा चन्द्र बना होने के कारण इनका नाम चन्द्रघंटा पड़ा. माना जाता है कि मां की कृपा से साधक को संसार के सभी कष्टों से छुटकारा मिल जाता है. मां चंद्रघंटा को दूध या दूध से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है. रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें.
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नवरात्रि के तिसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है.
4. नवरात्रि का चौथा दिन, मां कुष्मांडाः
नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है. मां कुष्ठमांडा ने अपने उदर से ब्रह्मांड को उत्पन्न किया था. माना जाता है जो भक्त मां के इस रूप की आराधना करते हैं, उनपर कभी किसी प्रकार का कष्ट नहीं आता. मां कुष्ठमांडा को मालपूआ का भोग लगाया जाता है.रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें.
नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है.
5. नवरात्रि का पांचवां दिन, मां स्कंदमाताः
नवरात्र के पंचम दिन में आदिशक्ति मां दुर्गा की स्कंदमाता के रूप में पूजा की जाती है. इन्हें पद्मासनादेवी भी कहते हैं. कुमार कार्तिकेय की माता होने के कारण इनका नाम स्कंदमाता पड़ा. मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाया जाता है. रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें
नवरात्र के पंचम दिन में आदिशक्ति मां दुर्गा की स्कंदमाता के रूप में पूजा की जाती है.
6. नवरात्रि का छठा दिन, मां कात्यायनीः
नवरात्र के छठे दिन मा कात्यानी की पूजा की जाती है. महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति मां दुर्गा ने उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लिया और उनका कात्यायनी नाम पड़ा. मां कात्यायनी को शहद और मीठे पान का भोग अति प्रिय है. रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें
नवरात्र के छठे दिन मा कात्यानी की पूजा की जाती है.
8. नवरात्रि का आठवां दिन, मां महागौरीः
आठवें दिन आदिशक्ति मां दुर्गा के महागौरी रूप की पूजा की जाती है. मां ने काली रूप में आने के पश्चात घोर तपस्या की और पुन: गौर वर्ण पाया और महागौरी कहलाई. तथा मां को हलवे व नारियल का भोग लगाया जाता है. रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें.
आठवें दिन आदिशक्ति मां दुर्गा के महागौरी रूप की पूजा की जाती है.
9. नवरात्रि का नवां दिन, मां सिद्धिदात्रीः
नवरात्र के नौवें दिन मां सिद्धीदात्री की पूजा की जाती है. माना जाता है कि मां का यह रूप साधक को सभी प्रकार की ऋद्धियां एवं सिद्धियां प्रदान करने वाला है. मां सिद्धिदात्री को खीर, हलवा पूरी का भोग लगाया जाता है. रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें.
नवरात्र के नौवें दिन मां सिद्धीदात्री की पूजा की जाती है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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