Happy Lohri 2021: आज देश भर में लोहड़ी का पर्व मनाया जा रहा है. हर साल लोहड़ी का त्योहार मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है. लोहड़ी सिख धर्म के साथ-साथ हिंदू धर्म के लोगों द्वारा मनाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है. लोहड़ी को सर्दियों का मौसम खत्म होने का प्रतीक भी माना जाता है. इस पर्व को पंजाब और हरियाणा के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है, लेकिन इस पर्व को पूरे देश व दुनिया में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, क्योंकि पंजाब के लोग भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बसे हुए हैं. यही वजह है कि दुनिया के कई हिस्सों में लोहड़ी का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि लोहड़ी के दिन साल की सबसे लंबी अंतिम रात होती है और अगले दिन से धीरे-धीरे दिन बढ़ने लगता है. लोहड़ी नई फसल के आने की खुशी और अगली बुवाई की तैयारी से पहले मनाया जाता है. यह पर्व कृषियों को समर्पित है. कहा जाता है कि लोहड़ी के समय किसानों के खेत लहलहाने लगते हैं और रबी की फसल कटकर आती है. इस दिन पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में सरकारी अवकाश रहता है. लोहड़ी पर किसान आग के चारों ओर नाचते गाते हैं और अग्नि को भी फसल से निकले दाने भेंट किए जाते हैं.
पीनट गजक रेसिपी:
देश के अलग-अलग हिस्सों में लोहड़ी का पर्व अलग-अलग नामों से मनाया जाता है जैसे तमिलनाडु में पोंगल, असम में बीहू, आंध प्रदेश में भोगी और कर्नाटक, बिहार और उत्तर प्रदेश आदि. लोहड़ी पर गुड़, गजक, पॉपकॉर्न, मुरमुरे और तिल जैसी अन्य खाद्य सामग्री से डिश तैयार की जाती हैं. पीनट गजक रेसिपी सर्दी के मौसम का एक बेहतरीन स्नैक है जिसे बहुत चाव से खाया जाता है. यहां हम पीनट गजक की बेहतरीन रेसिपी लेकर आए हैं जिसे गुड़ से बनाया गया है. सर्दी का फेवरेट स्नैक होने के साथ लोहड़ी के मौके पर भी इसे बनाया जाता है. रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें.
पुरानी परंपराः
मान्यता है कि लोहड़ी के दिन राजा दक्ष की पुत्री सती की याद में आग जलाई जाती है. पुरानी मान्यताओं के अनुसार राजा दक्ष ने यज्ञ करवाया तो पुत्री सती और दामाद शिव को आमंत्रित नहीं किया. इस पर सती अपने पिता से इसका कारण पूछा तो वो दोनों की निंदा करने लगे. इससे सती ने क्रोधित होकर उसी यज्ञ में अपने आप को भस्म कर लिया. सती की मृत्यु यह समाचार सुनकर भगवान शिव ने यज्ञको विध्वंस कर दिया. तभी से सती की याद में इस पर्व पर आग जलाने की परंपरा है.
Lohri Special 2021: जानें किस दिन मनाई जाएगी लोहड़ी, क्या है इसका महत्व और रेसिपी
मान्यता है कि लोहड़ी के दिन आग राजा दक्ष की पुत्री सती की याद में आग जलाई जाती है
लोहड़ी शब्दः
लोहड़ी शब्द को लेकर लोगों की अलग-अलग मान्यताएं हैं. कई लोग मानते हैं कि लोहड़ी शब्द ‘लोई (संत कबीर की पत्नी) से उत्पन्न हुआ था, लेकिन कई लोग इसे तिलोड़ी से उत्पन्न हुआ मानते हैं, जो बाद में लोहड़ी हो गया. तो वहीं, कुछ लोग यह मानते है कि यह शब्द लोह' से उत्पन्न हुआ था, जो चपाती बनाने के लिए प्रयुक्त एक उपकरण है.
दुल्ला भट्टीः
लोहड़ी के पर्व के दौरान दुल्ला भट्टी की चर्चा भी होती है. लोहड़ी से जुड़े गीतों में इसका जिक्र किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि दुल्ला भट्टी नाम का एक स्थानीय सरदार पंजाब में रहता था. उस दौरान लड़कियों को अमीर जबरन उठा लेते थे. दुल्ला ने सुंदरी और मुंदरी नाम की दो लड़कियों को बेचे जाने से बचाया और उनकी शादी कराई. इसलिए लोग दुल्ला भट्टी को याद करते हैं और सुंदरी-मुंदरी की कहानी सुनाते हैं. उस समय देश में अकबर का शासन था.
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