Yogini Ekadashi Vrat 2021: कब है योगिनी एकादशी, यहां जानें- शुभ मुहूर्त और पूजा विधि विधान के बारे में

हिंदू धर्म में योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi 2021) की विशेष महत्व है. इस दिन श्री हरि विष्‍णु की पूजा का विधान है. माना जाता है कि योगिनी एकादशी का व्रत (Yogini Ekadashi Vrat) करने से व्रती को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है.

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Yogini Ekadashi Vrat: कब है योगिनी एकादशी, यहां जानें- शुभ मुहूर्त और पूजा विधि विधान के बारे में
नई दिल्ली:

Yogini Ekadashi: हिंदू धर्म में योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi 2021) की विशेष महत्व है. इस दिन श्री हरि विष्‍णु की पूजा का विधान है. माना जाता है कि योगिनी एकादशी का व्रत (Yogini Ekadashi Vrat) करने से व्रती को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है. साथ ही वह इस लोक के सुख भोगते हुए स्‍वर्ग की प्राप्‍ति करता है. पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत करने से 28 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने का पुण्य प्राप्त होता है.

इस बार हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 5 जुलाई 2021, दिन सोमवार को है. आइए जानते हैं इस व्रत के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि विधान के बारे में.

योगिनी एकादशी 2021 तिथि, शुभ मुहूर्त

हिंदी पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 4 जुलाई दिन रविवार को शाम को 07 बजकर 55 मिनट से शुरू हो जाएगी. जिसके बाद, योगिनी एकादशी अगले दिन 5 जुलाई 2021 दिन सोमवार को रात 10 बजकर 30 मिनट रहेगी. इसके बाद द्वादशी लग जाएगी. इस लिए योगिनी एकादशी व्रत 05 जुलाई को रखा जाएगा. योगिनी एकादशी व्रत का पारण 6 जुलाई 2021, दिन मंगलवार को प्रात:काल 05 बजकर 29 मिनट से सुबह 08 बजकर 16 मिनट तक होगा.

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योगिनी एकादशी की पूजा विधि

- योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर में साफ-सफाई करें.
- इसके बाद स्‍नान करें और स्‍वच्‍छ वस्‍त्र धारण कर व्रत का संकल्‍प लें.
- घर के मंदिर में भगवान विष्‍णु की प्रतिमा, फोटो या कैलेंडर के सामने दीपक जलाएं.
- इसके बाद विष्‍णु की प्रतिमा को अक्षत, फूल, मौसमी फल, नारियल और मेवे चढ़ाएं.
- विष्‍णु की पूजा करते हुए तुलसी के पत्ते अवश्‍य रखें.
- इसके बाद धूप दिखाकर श्री हरि विष्‍णु की आरती करें.
- अब पीपल के पेड़ की पूजा करें.
- एकादशी की कथा सुनें या सुनाएं.
- इस दिन दान करना कल्‍याणकारी माना जाता है.
- रात के समय भगवान के भजन-कीर्तन करना चाहिए.
- अगले दिन पारण के समय किसी ब्राह्मण या गरीब को यथाशक्ति भोजन कराएं और दक्षिणा दें.
- इसके बाद अन्‍न और जल ग्रहण कर व्रत का पारण करें.

एकादशी पूजा सामग्री लिस्ट

श्री विष्णु जी की तस्वीर या मूर्ति
पुष्प
नारियल
सुपारी
फल
लौंग
धूप
दीप
घी
पंचामृत
अक्षत
तुलसी दल
चंदन
मिष्ठान

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