हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष षष्ठी को मां यशोदा जयंती (Yashoda Jayanti Kab Hai) मनाई जाती है. इस बार यशोदा जयंती 22 फरवरी को पड़ रही है. इस दिन माता यशोदा की पूजा-उपासना की जाती है. बता दें कि यह दिन भगवान श्री कृष्ण की मैया यशोदा के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. कहते हैं कि मां यशोदा स्वंय में संपूर्ण हैं. उनके नाम का अभिप्राय यश देना है.
Yashoda Jayanti 2022: क्यों मनाई जाती है यशोदा जयंती, जानिए इस व्रत का महत्व और पूजा विधि
माना जाता है कि मां यशोदा स्वंय संतोषी रूप धारण कर दूसरे को सुख और सौभाग्य देती हैं. यशोदा जयंती के अवसर पर श्रीकृष्ण मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का अपने प्रभु के दर्शन और पूजन के लिए तांता लग जाता है. इस दिन पूजन के समय कुछ उपाय भी किए जाते हैं.
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यशोदा जयंती पर करें ये उपाय | Do These Measures On Yashoda Jayanti
मान्यता है कि यशोदा जयंती के दिन गेहूं से भरा तांबे का कलश कृष्ण मंदिर में चढ़ाने से लाभ होता है.
कहते हैं कि गृहक्लेश से मुक्ति पाने के लिए माता यशोदा और श्री कृष्ण पर चढ़ी मौली घर के मेन गेट पर बांधना चाहिए.
यशोदा जयंती के दिन दान-पुण्य करना शुभकारी माना जाता है. कहते हैं कि ऐसा करने से जीवन में आने वाले सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है.
माना जाता है कि यशोदा जयंती के दिन घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक या फिर ॐ बनाने से नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा मिलता है.
यशोदा जयंती पूजा विधि | Yshoda Jayanti Puja Vidhi
यशोदा जयंती के दिन माता यशोदा की गोद में बैठे श्री कृष्ण वाली तस्वीर या प्रतिमा की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करनी चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से संतान से संबंधित सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. माना जाता है कि यशोदा जयंती के दिन अगर कोई महिला भगवान श्री कृष्ण और माता यशोदा की आराधना करते हैं तो उसे भगवान श्री कृष्ण बाल रूप में दर्शन देते हैं.
यशोदा जयंती के दिन पूजा से लाभ | Puja Se Laabh
मान्यता है कि यशोदा जयंती के दिन माता यशोदा और श्री कृष्ण की पूजा (Yashoda Jayanti 2022) व व्रत करने से संतान से संबंधित सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. कहते हैं कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण और माता यशोदा की आराधना करने से निसंतान दंपत्ति को संतान सुख की प्राप्ती होती है, इसके साथ ही गृहक्लेश से मुक्ति मिलती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)