Ramadan 2022: रमजान (Ramadan) का महीना चल रहा है और इसकी समाप्ति पर ईद (Eid ul Fitr 2022) का त्योहार मनाया जाता है. दुनियाभर में इस वक्त रमजान (Ramadan 2022) के महीने का आखिरी असरा (Last Stage of Ramadan) चल रहा है. यानी इस पाक महीने के आखिरी 10 दिन. इस्लाम मजहब (Islam) में रमजान के आखिरी असरे को काफी अहमियत दिया जाता है. यह इस्लाम के पांच मौलिक सिद्धांतों में से एक है. आइए जानते हैं कि रमजान का आखिरी असरा क्यों खास होता है. बता दें कि रमजान का पवित्र महीना 2 अप्रैल से शुरू हुआ था और 2 मई, 2022 को समाप्त होगा.
पवित्र रमजान (Ramadan) का पहला और दूसरा असरा समाप्त होकर अभी तीसरा यानी आखिरी असरा चल रहा है. इस्लाम मजहब (Islam) के मुताबिक यह 21वें रोजे से शुरू होकर चांद के हिसाब से 29वें 30वें रोजे तक चलता है. यह असरा बेहद खास माना जाता है. इस असरे का उद्देश्य जहन्नम की आग से खुद को सुरक्षित करना है. इस दौरान मुसलमान जहन्नम से बचने के लिए अल्लाह से दुआ करते हैं. इसके अलावा रमजान के आखिरी असरे में अधिकांश मुस्लिम पुरुष और औरतें एहतकाफ में बैठते हैं. कहा जाता है कि एहतकाफ के दौरान मुस्लिम पुरुष मस्जिद में 10 दिनों तक एक जगह बैठकर इबादत करते हैं. जबकि मुस्लिम औरतें घर में रहकर हीं अल्लाह की इबादत करती हैं.
इस्लाम मजहब के मान्यतानुसार रमजान में रोजा रखने से अल्लाह खुश होते हैं और दुआएं कुबूल करते हैं. माना जाता है कि रमजान के महीने में इबादत का फल बाकी महीनों के मुकाबले 70 गुना अधिक मिलता है. चांद दिखने के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग सुबह के समय सहरी खाकर इबादतों का सिलसिला शुरू करते हैं. सूरज दिखने से पहले खाए गए खाने को सहरी कहा जाता है. वहीं सूरज ढलने के बाद रोजा खोलने को इफ्तार कहा जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)