Shani Pradosh Vrat: शनि प्रदोष व्रत, भगवान शिव के भक्तों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन शिव भक्तों को उपवास रखना चाहिए और सूर्य देव के दर्शन होने के बाद भी व्रत का पारण करना चाहिए. शनि प्रदोष व्रत ऐसा व्रत है जिससे कई नियम भी जुड़े हैं. वैसे तो भगवान शिव का नाम भोलेनाथ भी है. जो भक्तों से आसानी से नाराज नहीं होते. लेकिन शनि प्रदोष व्रत को लेकर मान्यताएं अलग हैं. जिनके अनुसार शनि प्रदोष व्रत रखने में चूक होने पर भगवान शिव के कोप का भागी भी बनना पड़ सकता है. इतना ही नहीं व्रत रखने वालों की गलती से आर्थिक हालात प्रभावित होने की भी संभावना होती है. इसलिए ये जान लेना जरूरी है कि इस व्रत वाले दिन आप क्या करें और क्या न करें.
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कब है शनि प्रदोष व्रत | When Is Shani Pradosh Vrat
शनि प्रदोष व्रत की तिथि
शनि प्रदोष व्रत इस बार 28 दिसंबर को पड़ने वाला है. पाचांग के मुताबिक हर साल पौष महीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि जब आती है तब शनि प्रदोष व्रत होता है. इस साल ये तिथि 28 दिसंबर को पड़ने वाली है. इस तिथि कि शुरुआत का समय होगा रात 2 बज कर 26 मिनट. जो अगले दिन यानि 29 दिसंबर 2024 की रात 3 बजकर 32 मिनट तक जारी रहेगी. बात करें इस दिन के पूजन के सही समय की तो 2 घंटे 77 मिनट का ये मुहूर्त शाम 5 बजकर 33 मिनट से शुरू होगा और 8 बजकर 17 मिनट तक जारी रहेगा.
इस दिन जरूर करें ये काम
इस दिन के लिए मान्यता है कि शिव परिवार की पूरे विधि विधान से पूजन करना बहुत शुभ होता है. जो लोग पूरी आस्था के साथ व्रत रखते हैं, उनकी संतान को सुखी जीवन के मिलता है साथ ही उसकी सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं. ये भी मान जाता है कि इस पूजन के साथ साथ भगवान शिव का जल से अभिषेक भी करना चाहिए और रुद्राभिषेक भी करना चाहिए.
शनि प्रदोष व्रत वाले दिन क्या न करें?
सिंदूर न चढ़ाएं
शनि प्रदोष का व्रत हो या भगवान शिव का कोई अन्य व्रत रख रहे हों, तब भी उन्हें सिंदूर अर्पित न करें. ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव बैरागी होते हैं और सिंदूर हमेशा ही सौभाग्या का प्रतीक होता है. इसलिए भगवान शिव की प्रतिमा पर कभी कुमकुम या फिर सिंदूर अर्पित नहीं करना चाहिए.
ऐसा भोजन न करें
जिस दिन शनि प्रदोष का व्रत रखें उस दिन गलती से भी नॉन वेज का सेवन न करें. ऐसा करने से मान जाता है कि भगवान शिव क्रोधित हो सकते हैं.
तुलसी की पत्तियां न चढ़ाएं
सिंदूर की तरह ही भगवान शिव को तुलसी की पत्तियां नहीं अर्पित की जानी चाहिए. तुलसी माता लक्ष्मी का एक स्वरूप मानी जाती हैं. इसलिए उन्हें भगवान शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए.
नारियल के पानी से न करें अभिषेक
नारियल का पानी भी माता लक्ष्मी का ही प्रतीक माना जाता है. इसलिए भगवान शिव का अभिषेक नारियल पानी से करना भी शुभ नहीं माना जाता है.
खंडित अक्षत
भगवान शिव को पूजन करते समय अक्षत यानी कि चावल अर्पित किए जाते हैं. लेकिन ये चावल के दाने खंडित नहीं होना चाहिए. पूजन जो भी चावल के दानें चढ़ाए जाएं वो पूरे होने चाहिए. साथ ही ये भी माना जाता है कि भगवान शिव को चढ़ाए जाने वाले अक्षत धुले हुए भी होना चाहिए.
काले कपड़े
भगवान शिव का शनि प्रदोष व्रत के दिन पूजन करते समय काले कपड़े पहनना भी शुभ नहीं माना जाता है. इस दिन के व्रत से भगवान शिव की कृपा पाने के लिए हरा, सफेद या पीले वस्त्र पहनने की सलाह दी जाती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)