Vrischika Sankranti 2022: वृश्चिक संक्रांति के दिन स्नान-दान का ये है शुभ मुहूर्त, जानें खास उपाय

Vrischika Sankranti 2022: जब सूर्य तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे वृश्चिक संक्रांति कहा जाता है. इस दिन सूर्य देव की उपासना बेहद शुभ फलदायी मानी गई है.

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Vrishchak Sankranti 2022: सूर्य देव 16 नवंबर को दिन सूर्य तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे. सूर्य देव जब तुला राशि से निकलकर वृश्चिक में प्रवेश करते हैं तो उसे वृश्चिक संक्रांति कहते हैं. हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग इसे लोग बेहद शुभ मानते हैं. ऐसा माना जाता है कि आज के दिन सूर्य भगवान की पूजा आदि करने से लोगों के दुख दूर हो जाते हैं. वैसे तो आज का पूरा दिन ही शुभ माना जाएगा. लेकिन दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से शाम 05 बजकर 36 मिनट तक का समय पुण्यकाल है. इस वक्त में दान-पुण्य करने से व्यक्ति के सभी दुखों और कष्टों का अंत हो जाता है. वृश्चिक संक्रांति के दिन लोग अन्न, वस्त्र आदि का दान करते हैं. इस दिन दान और स्नान को काफी पवित्र माना गया है. पवित्र नदी में स्नान का विधान भी है. आइए जानते हैं तिथि, मुहूर्त, महत्व और अनुष्ठान के बारे में कुछ खास बातें. 

वृश्चिक संक्रांति 2022 तिथि और समय | Vrishchak Sankranti 2022 Date and Time

वृश्चिक संक्रान्ति बुधवार, नवम्बर 16, 2022 

वृश्चिक संक्रान्ति का क्षण - 07:29 पी एम

वृश्चिक संक्रांति 2022 मुहूर्त (Vrischika Sankranti 2022 Muhurat)

सूर्य राशि परविर्तन - शाम 07 बजकर 29 मिनट, तुला से वृश्चिक राशि में प्रवेश का समय

वृश्चिक संक्रान्ति पुण्य काल - दोपहर 12 बजकर 11 - शाम 05 बजकर 36

अवधि - 05 घण्टे 24 मिनट्स

वृश्चिक संक्रान्ति महा पुण्य काल - दोपहर 03 बजकर 48 - शाम 05 बजकर 36

अवधि - 01 घण्टा 48 मिनट्स

वृश्चिक संक्रांति महत्व Vrischika Sankranti Importance

वृश्चिक संक्रांति पर सूर्य को जल अर्पित करने के साथ श्राद्ध और पितृ तर्पण कार्य करना उत्तम माना जाता है. देवी पुराण के अनुसार जो इस दिन पवित्र नदी में स्नान के बाद दान पुण्य करता है उसके समस्त पाप खत्म हो जाते हैं और गंभीर बीमारियों से छुटकारा मिलता है. वहीं सूर्य की उपासना करने से पराक्रम, बल, तेज, यश, कीर्ति, मिलती है. कहते हैं इस दिन सूर्य को तांबे के लौटे में जल, लाल चंदन, लाल फूल, कुमकुम मिलाकर चढ़ाएं. साथ ही सूर्य चालीसा का पाठ करें. इससे तमाम दोष खत्म हो जाते हैं.

वृश्चिक संक्रांति 2022 पूजा विधि और उपाय

- इस शुभ दिन भक्त सूर्य देव की पूजा करते हैं क्योंकि वृश्चिक संक्रांति सूर्य देव को समर्पित होती है. इसलिए इस दिन भगवान सूर्य की विधि-विधान के साथ पूजा करने से दुखों का अंत होता है. 

- संक्रांति के दिन भक्त स्नान करते हैं.

-  संक्रांति के दिन दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है. ज्यादा से ज्यादा लाभ पाने के लिए इसे निश्चित समय पर करना जरूरी है. 

-  इस दिन श्राद्ध और पितृ तर्पण करना महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना जाता है. 

-  इतना ही नहीं, वृश्चिक संक्रांति पर ब्राह्मण को गाय का दान बहुत ही शुभ माना जाता है.

-  इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम, आदित्य हृदय आदि हिंदू शास्त्र का पाठ इस दिन अवश्य करना चाहिए.

-  संक्रांति के दिन वैदिक मंत्रों और भजनों का नियम पूर्वक पाठ किया जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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