कब है विवाह पंचमी, जानिए सीता-राम के विवाह की वर्षगांठ के दिन क्यों होती है शादी करने की मनाही

Vivah Panchami kab hai : मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को विवाह पंचमी कहते है. मान्यता है कि त्रेता युग में इसी दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था.

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Vivah Panchami 2023: मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को विवाह पंचमी (Vivah Panchami) कहते  है. मान्यता है कि त्रेता युग में इसी दिन भगवान राम और माता सीता (Lord Rama And Goddess Sita) का विवाह हुआ था. विवाह पंचमी के दिन भगवान राम (Lord Rama) और माता सीता के विवाह की वर्षगांठ मनाई जाती है. विवाह पंचमी के दिन भगवान राम के मंदिरों में विशेष पूजा की जाती है. आइए जानते हैं विवाह पंचमी की तिथि (Date of Vivah Panchami) महत्व और क्यों इस दिन है विवाह की मनाही…

विवाह पंचमी की तिथि और मुहूर्त

मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 16 दिसंबर को शाम 8 बजे शुरू होगी और 17 दिसंबर को शाम 5 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होगी. विवाह पंचमी 17 दिसंबर रविवार को मनाई जाएगी. इस दिन दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से  12 बजकर 43 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त है और शाम 5 बजकर 15 मिनट से 5 बजकर 44 मिनट तक अमृत काल है.

विवाह पंचमी का महत्व

त्रेता युग में भगवान विष्णु के अवतार राम और सीता का विवाह विवाह पंचमी के दिन हुआ था. इसी दिन तुलसी दास जी ने रामचरित मानस की रचना पूरी की थी. इस दिन भगवान राम और माता सीता की पूजा से वैवाहिक जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.

विवाह पंचमी के दिन विवाह की मनाही

मान्यता है कि भले ही भगवान राम और माता सीता की जोड़ी आदर्श जोड़ी है लेकिन दोनों को बहुत कष्ट और दुखों का सामना करना पड़ा था. विवाह के बाद चौदह वर्ष के वनवास और सीता हरण के बाद भगवान राम को माता सीता से विछोह का कष्ट सहना पड़ा था. रावण के वध के बाद माता सीता को अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ा और अयोध्या लौटने पर उन्हें भगवान राम ने त्याग दिया था. इसलिए विवाह पंचमी के दिन विवाह की मनाही है.  

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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