Vastu Tips Land or Plot: जमीन खरीदना हर किसी का सपना होता है. उसे पूरा करने के लिए लोग तरह-तरह के जतन भी करते हैं, पर काफी मेहनत के बाद भी खरीदी गई जमीन कई बार व्यक्ति की परेशानी बढ़ा देती है. इसलिए जरूरी है कि जमीन खरीद से पहले उसका परीक्षण कर लिया जाए. इसके लिए वास्तुशास्त्र में कई विधियां बताई गई हैं. उन्हीं में से कुछ नुस्खे जमीन की मिट्टी व दीपक से जमीन के शुभ व अशुभ लक्षण जानने का भी है. जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं.
मिट्टी के अनुसार जमीन के लक्षण
वास्तु शास्त्र के अनुसार, मिट्टी से जमीन की जांच के लिए उसके बीच में एक- एक हाथ लंबा, चौड़ा व गहरा गड्ढ़ा खोदें. फिर खुदी हुई सारी मिट्टी उसी गड्ढ़े में वापस भरें. यदि गड्ढ़ा भरने के बाद भी मिट्टी बची रहे तो वह जमीन धन-संपत्ति बढ़ाने वाली होती है. यदि मिट्टी गड्ढे के बराबर निकले तो वह मध्यम और कम निकलने पर अशुभ मानी जाती है.
इसी तरह जमीन खोदकर पानी भरकर उत्तर दिशा की ओर सौ कदम चलकर वापस लौटने तक गड्ढे में उतना ही पानी रहे तो वह भूमि श्रेष्ठ है. कुछ कम या आधा रहने पर मध्यम और बहुत कम रहने पर निम्न स्तर की भूमि है.
इसी तरह जमीन की एक परीक्षा उसमें शाम को गड्ढ़ा कर पानी भरकर सुबह जांच से भी होती है. यदि गड्ढ़े में पानी दिखे तो उस स्थान में रहना शुभ है, जबकि कीचड़ दिखने पर निवास मध्यम और दरारें दिखने पर बुरा असर देगा. जमीन में गेहूं, मूंग, सरसों आदि के बीज बोकर भी जमीन परीक्षण होता है. तीन रात में बीज अंकुरित होने पर भूमि उत्तम, पांच रात में होने पर मध्यम और सात रात में अंकुरण होने पर जमीन निम्न स्तर की है.
दीपक से भूमि परीक्षण
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दीपक से भी भूमि परीक्षण किया जा सकता है. इसके लिए एक हाथ गहरा गड्ढ़ा खोदकर उसे सब ओर से अच्छी तरह लीप- पोत कर स्वच्छ कर दें. फिर एक कच्चे दीपक में घी भरकर चारों दिशाओं की ओर मुह करती चार बत्तियां जलाकर उसमें रख दें. फिर दीपक को उस गड्ढ़े में रख दें.
यदि पूर्व दिशा की बत्ती लंबे समय तक जले तो उसे ब्राह्मण के लिए शुभ माना जाएगा. इसी तरह उत्तर दिशा की बत्ती क्षत्रिय, पश्चिम की बत्ती वैश्य और दक्षिण दिशा की बत्ती लंबे समय तक जले तो जमीन को शुद्र के लिए शुभ समझना चाहिए. यदि यह वास्तु दीपक चारों दिशाओं में जलता रहे तो वह भूमि सभी वर्णों के लिए शुभ समझनी चाहिए.