हिंदू धर्म में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गौरी गणेश की पूजन का विधान है. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जानते हैं. पौष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी या वरद चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. यह व्रत प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश को समर्पित है. ये व्रत संतान के लिए रखा जाता है. आज साल की पहली गणेश चतुर्थी है. मान्यता है कि इस दिन सच्ची श्रद्धा से भगवान गणेश जी की उपासना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. माना जाता है कि आज के दिन पूजा के समय भगवान गणेश जी के इस महामंत्र का जाप करने से विशेष पुण्य लाभ मिलता है.
गणेश जी के इस महामंत्र का करें जाप | Varad Chaturthi Mantra
प्रातर्नमामि चतुराननवन्द्यमानमिच्छानुकूलमखिलं च वरं ददानम्|
तं तुन्दिलं द्विरसनाधिपयज्ञसूत्रं पुत्रं विलासचतुरं शिवयो: शिवाय||
प्रातर्भजाम्यभयदं खलु भक्तशोकदावानलं गणविभुं वरकुञ्जरास्यम्|
अज्ञानकाननविनाशनहव्यवाहमुत्साहवर्धनमहं सुतमीश्वरस्य||
इन मंत्रों से करें भगवान गणेश की पूजा | Worship Lord Ganesha With These Mantras
ॐ गं गणपतये नमः
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश
ॐ श्रीं ह्रीं क्लें ग्लौम गं गणपतये वर वरद सर्वजन जनमय वाशमनये स्वाहा तत्पुरुषाय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो दंति प्रचोदयत ओम शांति शांति शांतिः
ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा.
दूर्वा अर्पित करते हुए मंत्र बोलें ‘इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः'
ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा'
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)