Vaishakh Purnima 2022 Puja Vidhi: हिंदू धर्म में वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) का खास महत्व है. मान्यतानुसार, इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है. माना जाता है कि वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) के दिन महात्मा बुध (Lord Buddha) के रूप में भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का अवतार हुआ था. इसलिए बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग इस को धूमधाम से मनाते हैं. इस साल वैशाख पूर्णिमा तिथि 16 मई, 2022 के दिन पड़ रही है. आइए जानते हैं कि वैशाख पूर्मिणा की पूजा विधि (Vaishakh Purnima Puja Vidhi) क्या है और दिन क्या करना शुभ माना गया है.
वैशाख पूर्णिमा पूजा विधि ( Vaishakh Purnima Puja Vidhi 2022)
-वैशाख पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर स्नान किया जाता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का खास महत्व है.
-नदी में स्नान करने की स्थिति ना बने तो ऐसे में पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान किया जा सकता है.
-स्नान करते वक्त पवित्र नदियों का ध्यान किया जाता है.
-नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप जलाया जाता है.
-कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं.
-इस दिन देवी-देवताओं का गंगाजल से अभिषेक किया जाता है.
-पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना का विशेष है.
-इस दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना भी की जाती है.
-भगवान विष्णु को भोग लगाया जाता है. भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को भी शामिल करना अनिवार्य माना गया है.
-धार्मिक मान्यता है कि तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं.
-भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का ही भोग लगाया जाता है.
-इसके बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आरती की जाती है.
-पूर्णिमा के दिन पर चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व है.
-चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा की जाती है.
-मान्यता है कि चंद्रमा को अर्घ्य देने से दोषों से मुक्ति मिलती है.
वैशाख पूर्णिमा कब है?
पंचांग के मुताबिक वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि 16 मई के दिन पड़ रही है. हालांकि पूर्णिमा तिथि का आरंभ 15 मई, रात्रि 12 बजकर 45 से हो रहा है. जबकि पूर्णिमा तिथि 16 मई को रात 9 बजकर 45 मिनट तक है. इस बार वैशाख पूर्णिमा का व्रत सोमवार, 16 मई 2022 को रखा जाएगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)