Shiv Puja Vidhi: शिवजी को बेहद प्रिय हैं ये चीजें, मन्यतानुसार इन्हें चढ़ाने से पूरी होती है हर मुराद

Shiv Puja Vidhi: भगवान शिव (Bhagwan Shiv) एक लोटा जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं. कहा जाता है कि सच्चे मन से शिवजी (Shivji) की पूजा करने से सारे कष्टों से मुक्ति मिल जाती है.

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मानयतानुसार शिवलिंग (Shivling) पर शक्कर से अभिषेक करने पर सुख और समृद्धि में बढ़ोतरी होती है.

Shiv Puja Vidhi: धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान शिव (Bhagwan Shiv) एक लोटा जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं. कहा जाता है कि सच्चे मन से शिवजी (Shivji) की पूजा करने से सारे कष्टों से मुक्ति मिल जाती है. भगवान शिव (Lord Shiv) को प्रसन्न करने के लिए कई चीजें अर्पित की जाती हैं. इसके अलावा भोलेनाथ (Bholenath) को प्रसन्न करने के लिए अभिषेक (Rudrabhishek) किया जाता है. शिवलिंग (Shiv ling) के अभिषेक में इस्तेमाल की जाने वाली चीजों का अलग-अलग महत्व है. आइए जानते हैं कि शिवलिंग (Shivling) पर किन चीजों को चढ़ाने से कौन की मनोकामना पूरी होने की मान्यता है. 

मान्यतानुसार शिवजी को प्रिय हैं ये चीजें

मान्यताओं के मुताबिक शिवलिंग पर केसर चढ़ाने से सौम्यता मिलती है. साथ ही शिवलिंग (Shivling) पर शक्कर से अभिषेक करने से सुख और समृद्धि में बढ़ोतरी होती है. साथ ही जीवन से दरिद्रता चली जाती है. शिवलिंग पर इत्र अर्पित करने से विचार में शुद्धता आती है. साथ ही जीवन में गलत राह पर जाने से बचते हैं. शिवलिंग पर दूध अर्पित करने से सेहत हमेशा अच्छी रहती है और बीमारियां भी दूर होती हैं. भगवान शिव को दही अर्पित करने से स्वभाव अच्छा रहता है और परेशानियों से मुक्ति मिलती है. भगवान शिव को घी अर्पित करने से शक्ति और साहस में वृद्धि होती है. भगवान शिव को चंदन बेहद प्रिय है. ऐसे में शिवलिंग पर चंदन अर्पित करने से व्यक्तित्व आकर्षक रहता है. इसके अलावा सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है. वहीं शिवलिंग पर शहद अर्पित करने से वाणी में मिठास बनी रहती है. इसके साथ ही भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने से सभी मनोकामाना पूरी होती है.   

शिवलिंग पर क्या ना चढ़ाएं

मान्यताओं के मुताबिक शिवलिंग (Shivling) पर हल्दी नहीं चढ़ाना चाहिए. माना जाता है कि शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाने से कुंडली का चंद्र ग्रह कमजोर होने लगता है. साथ ही तुलसी के पत्ते शिवलिंग पर नहीं चढ़ाए जाते हैं. मान्यता है कि भगवान शिव में तुलसी के पति जालंधर का वध किया था. जिससे क्रोधित होकर तुलसी ने भगवान शिव को अपने दैवीय गुणों वाले पत्तों से वंचित कर दिया. इसके अलावा नारियल के पानी से शिवजी का अभिषेक नहीं किया जाता है. वहीं शंख से शिवलिंग का अभिषेक नहीं किया जाता है. कहा जाता है कि भगवान शिव नें शंखचूड़ नामक असुर का वध किया था और शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है. इसलिए शिवलिंग पर शंख के जलाभिषेक नहीं किया जाता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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