ये है दुनिया की सबसे महंगी रामायण, कीमत डेढ़ लाख रुपये, जापान की स्याही और फ्रांस के सामान का किया गया इस्तेमाल

इस रामायण की कीमत 1.65 लाख रुपये से ज्यादा बताई जा रही है. पुस्तक विक्रेता मनोज सती रामायण के इस विशेष संस्करण को अयोध्या लेकर आये हैं. बेहद खास सामग्रियों से तैयार की गई.

Advertisement
Read Time: 19 mins

 Ram Mandir Ramayan : आज राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पूरी भव्यता के साथ मनाया जा रहा है. इन सब तैयारियों के बीच एक पुस्तक विक्रेता ने दुनिया की सबसे महंगी रामायण पेश की है. इस रामायण की कीमत 1.65 लाख रुपये से ज्यादा बताई जा रही है. पुस्तक विक्रेता मनोज सती रामायण के इस विशेष संस्करण को अयोध्या लेकर आये हैं. बेहद खास सामग्रियों से तैयार की गई, रामायण पुस्तक का डिज़ाइन निर्माणाधीन अयोध्या के भव्य राम मंदिर की तीन मंजिलों को प्रदर्शित करता है. इसके बाहरी बॉक्स में अमेरिकी अखरोट की लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है. 

 जापान की स्याही, फ्रांस में तैयार किए गए सामान

इस रामायण के कवर में आयातित किए हुए सामानों का इस्तेमाल किया गया है. इसमें इस्तेमाल हुई स्याही की बात करें तो वो जापान से मंगाई गई है. इस रामायण के लिए खास फ्रांस में तैयार सामानों का इस्तेमाल हुआ है. इसके अलावा एसिड-मुक्त, पेटेंट कागज भी इस्तेमाल किया गया है. ये ही सब चीजें इस रामायण की विशिष्टता को बढ़ाता है. इस रामायण का हर पेज एक खास विशिष्ट डिज़ाइन से तैयार किया गया है. ये हर पेज पर पाठक के लिए एक नया अनुभव का एहसास कराता है. मनोज ने इस रामायण की खासियत और आकर्षक प्रस्तुति का उद्देश्य पाठकों को अपने खास डिजाइनों से मोहित करना है. 

Advertisement

प्रधानमंत्री करेंगे अनुष्ठान
अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनुष्ठान करते नजर आएंगे. लक्ष्मीकांत दीक्षित, पुजारियों की एक टीम के साथ, मुख्य अनुष्ठान करेंगे. मनोज सती ने ANI को बताया, "हम अपनी खूबसूरत रामायण के साथ यहां टेंट सिटी अयोध्या में पहुंचे हैं. इसमें बहुत सारे गुण हैं और यह दुनिया की सबसे महंगी रामायण है." मनोज ने आगे कहा- "आप कह सकते हैं कि सबसे सुंदर रामायण अयोध्या में है. इसकी कीमत 1.65 लाख रुपये है."उन्होंने कहा, "यह रामायण 400 साल तक चल सकती है. इसके लिए खूबसूरत किताबों की अलमारी भी बनाई गई है इसलिए यह सुरक्षित रह सकती है. किताब को चार पीढ़ियां पढ़ सकती हैं."

Advertisement

प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शंकराचार्य
इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह लगभग 400-500 सालों की "बड़ी लड़ाइयों" के बाद हमें मिल रहा है. उन्होंने आगे कहा कि “यह समय के साथ लगातार प्रयासों के बाद हो रहा है. लगभग 400-500 सालों के बाद यह क्षण आया है. बड़ी लड़ाइयां लड़ी गईं, और युद्ध हुए. आक्रमणकारियों ने हमारे धर्म पर हमला किया और हमारे धर्म को बर्बाद कर दिया."

Advertisement
Featured Video Of The Day
Shardiya Navratri 2024: Delhi के CR Park में दुर्गा पूजा का उत्साह | City Centre